भाजपा सरकार के द्वारा बांटे गए टेबलेट पर लखेश्वर बघेल ने घेरा मंत्री को

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जवाब से असंतुष्ट विधायक ने जांच कराने की माँग की ,जिसपर अध्यक्ष ने कहा विधान सभा समिति करेगी जांच

बस्तर विधानसभा में 643 टेबलेट में 7 टेबलेट ही उपयोगी

बायोमेट्रिक तरीके से प्रदेश की शालाओं में शिक्षकों की उपस्थिति बच्चों की नियमित उपस्थिति को लेकर ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा प्रदेश की समस्त शालाओं में बायोमेट्रिक टेबलेट का वितरण किया गया था जिसके तहत बस्तर विधानसभा में भी 643 बायोमेट्रिक टेबलेट का वितरण किया गया था जिसमें से शिक्षा विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बस्तर विधानसभा में मात्र 7 टेबलेट उपयोगी है। बाकी कुछ तो पूरे खराब हो गए कुछ को मरम्मत की आवश्यकता है शासन की योजना अनुसार बायोमेट्रिक टेबलेट के माध्यम से शालाओं की सघन मानिटरिंग की एक व्यवस्था को आरंभ किया गया था |

मंत्री ने बताया एक टेबलेट 11622 रुपए का

बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व बस्तर विधानसभा के विधायक लखेश्वर बघेल के प्रश्न पर शिक्षा मंत्री जवाब देने में भी असमर्थ साबित हो रहे थे उन्होंने स्वीकार किया कि जिस उद्देश्य के साथ बायोमेट्रिक टेबलेट की खरीदी की गई थी उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही थी जिसका प्रमुख कारण उन्होंने संबंधित फर्म को बताया जिसके माध्यम से टेबलेट खरीदी किया गया था मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब में बताया कि एक टेबलेट की कुल कीमत 11622 रुपए थी बस्तर विधानसभा में कुल एक करोड़ 39 लाख रुपए के टेबलेट की खरीदी की गई |

टेबलेट खरीदी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने जांच कराने की मांग को स्वीकार किया

विधानसभा में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में 200 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया गया था जिसकी जांच होनी चाहिए, शालाओं में टेबलेट का वितरण करना पूर्वर्ती सरकार का एक कमीशन का खेल था। जिसे बखूबी अंजाम दिया गया था |

विधानसभा में प्रश्न लगते ही सरकार ने टेबलेट मरम्मत कराने का आदेश किया जारी

बायोमेट्रिक टेबलेट वितरण को लेकर विधानसभा में विधायक लखेश्वर बघेल के द्वारा प्रश्न लगाते ही राज्य परियोजना कार्यालय के द्वारा 7 मार्च को एक आदेश जारी किया जिसके तहत शाला अनुदान निधि से स्थानीय मार्केट से टेबलेट मरम्मत कराने हेतु आदेश जारी किया गया था ज्ञात हो कि जब टेबलेट का वितरण किया गया था तब संबंधित फर्म को 3 वर्ष की वारंटी के रूप में टेबलेट वितरण पश्चात देखरेख करने की पूरी जवाबदारी थी वितरण करने के बाद से ही टेबलेट का खराब होना आरंभ हो गया था |

निविदा में भी हुआ था सेटिंग का खेल

विधानसभा में विधायक लखेश्वर बघेल के प्रश्न के जवाब में मंत्री टेकाम ने जो जानकारी दी उसमें भी भाजपा सरकार की कमीशन का खेल नजर आया निविदा से जुड़ी जब सवाल पूछा गया तो मंत्री ने बताया कि दो प्रमुख फर्म को निविदा मिली थी इसके आधार पर चिप्स ने खरीदी की थी इस पर विधायक ने भी आरोप लगाया कि इस मामले में भंडार क्रय नियम का भी पालन नहीं हुआ जिसके कारण स्तर हीन टेबलेट का वितरण किया गया था |