सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित ग्रामीण आर्थिक रूप से हो रहे कमजोर, वन विभाग का मामला

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वन विभाग के अधिकारी ठेकेदारों और नेताओं से सांठगांठ कर छीन रहे गरीबों का हक

बकावंड…। करपावंड रेंज बकावंड ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लावागाव मोहलई में वन विभाग के द्वारा कैम्पा मद से तालाब खुदाई का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें वन विभाग के अधिकारियों एवं इलाके के नेताओं के सांठगांठ से स्थानीय ग्रामीणों काम नहीं मिलने से रोजगार के लिए भटकते नजर आ रहे हैं। प्रदेश सरकार के द्वारा ग्रामीण अंचलों में विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है, इन योजनाओं के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार देकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और कमाने के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन को रोकना ही सरकार का मुख्य उद्देश्य है। लेकिन वन विभाग में ऐसे कई बार देखने को मिला है कि जिस काम को स्थानीय ग्रामीण मजदूरों के द्वारा कराया जाना होता है उसे नेताओ ठेकेदारों के माध्यम से ट्रैक्टर एवं जेसीबी के द्वारा कराया जा रहा है।

ऐसा ही एक तालाब निर्माण का कार्य वन विभाग करपावंड रेजर के द्वारा जेसीबी एवं ट्रैक्टर के माध्यम सेकराया जा रहा है। इस विषय को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारीश्री राम दत्त नागर से पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर से टेंडर हो गया है, जिस तालाब की खुदाई जेडीबी के द्वारा कराई जानी है।

उक्त तालाब खुदाई से ग्रामीणों को मजदूरी के रूप में आर्थिक लाभ मिल सकता था, लेकिन विभाग के वन परीक्षेत्र अधिकारी राम दत्त नागर स्वयं के लाभ हेतु इलाके के नेताओं से सांठगांठ कर ग्रामीणों को उनके अधिकार से वंचित कर रहे है।

इस कार्य के संबंध में पूरी जानकारी मांगे जाने पर वन परीक्षेत्र अधिकारी साफ साफ कहते हुए नजर आते हैं कि यह कार्य कांग्रेसी नेताओ और ठेकेदारों द्वारा ही किया जाना निश्चित किया गया है। इससे साफ जाहिर होता हैं की गरीबों का हक छिनकर उनको सरकारी योजनाओं के मिलने वाले लाभ से वंचित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी राम दत्त नागर के विभागीय कार्य शैली पर पहले भी कई सवाल उठ चुके हैं, उनके विभगीय कारनामों का खुलासा समाचार पत्रों के माध्यम से भी कई बार प्रकासित किया जा चुका है, लेकिन अब तक इस अधिकारी पर विभाग के उच्चाधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं कि है। अब देखने वाली बात यह होगी की क्या इस बार भी समाचार प्रकाशित होने के बाद भी कोई कार्यवाही होती है या नहीं?