निलंबित अफसरों में से दो की बहाली पर सदन में उठे सवाल
रायपुर। रायपुर से केन्द्री एक्सप्रेस-वे का काम पूरा नहीं होने और निलंबित 6 अफसरों में से दो को जांच पूरा होने के पहले बहाल करने का मामला सदन में गूंजा। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने यह मामला उठाया। अपने जवाब में लोकनिर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, आप ही की सरकार चुनाव से पहले जल्दबाजी में इसका उद्घाटन कराना चाह रही थी, जिससे सब सत्यनाश हो गया।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि रायपुर-केन्द्री एक्सप्रेस-वे की निर्माण एजेंसी कौन थी? उक्त सड़क निर्माण कार्य में पाई गई अनियमितता के लिए किन अफसरों को निलंबित किया गया? उक्त सड़क निर्माण लोकनिर्माण विभाग के अंतर्गत किस कार्पोरेशन द्वारा कराया गया था? अनियमितता के दोषी अधिकारी विभाग के मूल कर्मचारी थे या उन्हें प्रतिनियुक्ति पर रखा गया था? लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब दिया कि एक्सप्रेस वे निर्माणकर्ता एजेंसी मेसर्स आयरन टैंगल लिमिटेड अहमदाबाद है। उक्त निर्माण छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से कराया गया। अनियमितता पाए जाने पर छह अफसरों को निलंबित किया गया था। जिनमें से 2 को बहाल कर दिया गया है। ये सभी अफसर प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे थे। निलंबन की कार्रवाई उनके मूल विभाग द्वारा की गई। शिवरतन शर्मा ने कहा कि न तो अब तक सड़क का काम पूरा हुआ। न ही ठेकेदार को निलंबित कर पाए। ताम्रध्वज साहू ने पलटकर कहा कि आप लोगों को चुनाव से पहले उद्घाटन कराने की जल्दबाजी थी। उसी से सब सत्यनाश हो गया। सबसे बड़ी कार्रवाई ठेकेदार पर ही हुई है। वह नए सिरे से सड़क बना रहा है।
क्या लक्ष्मी की हो गई कृपा?
शिवरतन शर्मा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे का मामला छह सौ करोड़ रुपए का है। मामले में दोषी पाए गए दो अधिकारियों को दोषमुक्त कर दिया गया है। विधायक ने मंत्री ताम्रध्वज साहू से पूछा कि क्या पीडब्ल्यूडी ने दोनों ही अधिकारियों को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दे दिया है? क्या लक्ष्मी की कृपा हो गई? इस पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पिछले कार्यकाल में एक्सप्रेस-वे बना। लक्ष्मी की कृपा थी, तभी एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ी सामने आई।