बोनस पर प्रबंधन के रवैया के खिलाफ खदान कर्मियों ने भरी हुंकार, कहा कि हड़ताल होकर रहेगी

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दल्लीराजहरा अक्टूबर को दिल्ली में संपन्न एनजेसीएस बैठक में बोनस के मुद्दे पर प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के खिलाफ पूरे सेल में 5 अक्टूबर को हुए प्रदर्शन कार्यक्रम में हिस्सेदारी करते हुए खदान कर्मियों ने भी संयुक्त यूनियन मोर्चा के नेतृत्व में राजहरा माइंस ऑफिस के सामने जमकर प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि बोनस के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो खदानों में जल्द ही हड़ताल होगी ।

उल्लेखनीय है कि सेल कर्मचारियों के बोनस का विवाद गहराता जा रहा है। 1 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में बोनस के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी यूनियन को बुलाया गया था, प्रबंधन ने विवादित व अस्वीकार्य फार्मूले के अनुसार 26500 बोनस देने की घोषणा की । जिसे नकारते हुए सभी यूनियनों ने एक स्वर में कहा कि सेल में कर्मियों के योगदान,और उत्पादन व उत्पादकता को ध्यान में रखते हुए 2022 में दिए गए 40500 से कम बोनस पर बात नहीं बनेगी । लेकिन प्रबंधन नेअपनी मनमानी करते हुए सेल कर्मियों के खाते में 26500 रूपये की राशि डाल दी । सेल स्तर पर सभी यूनियन के नेताओं ने 2 अक्टूबर को बैठक कर तय किया है कि प्रबंधन के इस रवैया के खिलाफ आंदोलन आवश्यक हो गया है । आंदोलन की रूप रेखा तय करते हुए उन्होंने 5 अक्टूबर को सेल की सभी इकाइयों में संयुक्त प्रदर्शन किया । जिसके तहत राजहरा में भी खदान कर्मियों ने संयुक्त यूनियनों एटक, सीटू, इंटक, बीएमएस,छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ,के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा ।

इस अवसर पर खदान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एटक के सचिव कमलजीत सिंह मान ने कहा कि सेल प्रबंधन नियमित एवं ठेका कर्मियों के मामले में लगातार मनमाना होते जा रहा है इसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष जरूरी हो गया है। खदान कर्मी सेलस्तर के आंदोलन के साथ स्थानीय स्तर पर भी ठेका एवं रेगुलर कर्मचारियों की मांगों को लेकर लगातार संघर्षरत हैं ,आवश्यकता पड़ने पर हम अनिश्चित कालीन हड़ताल के लिए तैयार है। सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह एवं सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि वेज रिवीजन से लेकर अब तक हम देखते आ रहे हैं कि प्रबंधन एनजेसीएस के सर्वसम्मति की पर परिपाटी को तोड़ते हुए बहुमत के खेल पर उत्तर आया है, और अब हालात यह है कि वह किसी की नहीं सुन रहा है ।अब सेल प्रबंधन का रवैया बेहद नकारात्मक और मनमानीपूर्ण है । नियमित कर्मचारियों के वेज रिवीजन में एवं ठेका मजदूरों के वेतन तय करते समय भी प्रबंधन का रवैया ऐसा ही देखने को मिला है। और अब बोनस के मामले में भी प्रबंधन हिटलर शाही कर रहा है । जिससे श्रमिकों में काफी आक्रोश है प्रबंधन के इस रवैया को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता । इसलिए अब निर्णायक संघर्ष आवश्यक हो गया है । हम खदानों में हड़ताल के लिए पूरी तरह तैयार है। इंटक यूनियन के अध्यक्ष तिलक मानकर ने कहा कि सेल प्रबंधन के रवैया के खिलाफ खदान कर्मचारी करने एकजुट है और स्थानीय स्तर पर भी जो समस्याएं हैं उनके लिए हम सब एक होकर संघर्षरत है, यदि प्रबंधन ने जल्द से जल्द कर्मियों के हित में फैसला नहीं लिया तो हम हर हाल में हड़ताल पर जाने को बाध्य होगें। बीएमएस यूनियन के अध्यक्ष मुस्ताक अहमद ने कहा कि दिल्ली से लेकर दल्ली तक प्रबंधन का रवैया एक जैसा है जिस तरह दिल्ली में मनमानी चल रही है उस तरह स्थानीय स्तर के अधिकारी भी पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त होकर नियमित एवं ठेका श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं जिसे हम किसी कीमत पर भी बर्दाश्त नहीं करेंगे और हम अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने को तैयार है । छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के अध्यक्ष सोमनाथ उइके ने कहा कि राजहरा की परंपरा रही है कि नियमित और ठेका श्रमिक हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं, और इसी तरह एक जुट होकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष भी करते हैं। आने वाले दिनों में नियमित एवं ठेका कर्मियों की मांगों पर सभी एकजुट होकर हड़ताल समेत सभी प्रकार की कार्यवाही के लिए तैयार रहेंगे । उन्होंने कहा कि हम प्रबंधन को चेतावनी देते हैं कि वह जल्द से जल्द श्रमिकों की मांगों पर सकारात्मक विचार करे,अन्यथा खदान कर्मी अपनी परंपरा अनुसार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एटक अध्यक्ष राजेंद्र बेहरा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सेल प्रबंधन पूरी तरह निरंकुश हो चुका है। अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खाई बढ़ती जा रही है, यह भेदभाव जानबूझकर किया जा रहा है। इसलिए इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आज हम प्रबंधन को मांग पत्र सौंप रहे हैं, यदि जल्द ही हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो सेल की केंद्रीय यूनियनों के आह्वान पर हम हड़ताल में जाने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। प्रदर्शन के बाद प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया तथा मुख्य महाप्रबंधक आर बी गहरवार से स्थानीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें ठेका श्रमिकों का समय पर बोनस भुगतान करने, चिकित्सा सुविधा को विधिवत लागू करने, एवं ठेका श्रमिकों का समय पर को वेतन भुगतान तथा डीएवी स्कूल की समस्याओं पर चर्चा की गई । आज सौंपे गए ज्ञापन में 39 महीने के एरियर्स की राशि देने, बोनस फार्मूले पर विस्तृत चर्चा कर बोनस की राशि न्यूनतम 40500 से आगे बढने, पिछले वेज रिवीजन के सभी लंबित मुद्दों को हल करने की मांग की गई है। धरना प्रदर्शन का संचालन करते हुए सीटू अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिमैया ने कहा कि यह आंदोलन चरणबद्ध चलेगा 14 और 15 अक्टूबर को दो दिवसीय विशाल धरने के बाद प्रबंधन को हड़ताल नोटिस सौंपा जाएगा। आज के कार्यक्रम में विनोद मिश्रा, तोरण लाल साहू राजाराम बरगढ़, श्रीनिवास, संतोष घराना, लखन चौधरी, एमपी सिंह, कुलदीप सिंह, समेत तमाम यूनियन नेताओं और खदान के नियमित एवं ठेका श्रमिकों ने सक्रिय भागीदारी की ।