कलेक्टर व वनमंडलाधिकारी को मॉनिटरिंग के दिए गए निर्देश
कल ही छत्तीसगढ़ पहुंचे थे गहलोत, शनिवार को मिली अनुमति
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अंतत: परसा कोल ब्लॉक खनन की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ चर्चा के लिए छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे। उन्होंने राजस्थान में बिजली संकट का हवाला देते हुए कहा था कि हम विनती करते हैं परसा कोल ब्लॉक की अनुमति छत्तीसगढ़ सरकार दे। नहीं तो हम गंभीर बिजली संकट में फंस जाएंगे। शनिवार शाम को छत्तीसगढ़ सरकार ने खनन की अनुमति दे दी। इस आशय को लेकर कलेक्टर व जिला वनमंडलाधिकारी को जारी अनुमति में उल्लेखित शर्तों का पालन कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित भी किया गया है। कुल मिलाकर आदेश में एक बार फिर यह संदेश दिया गया है कि नियमों के तहत ही खनन किया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के 2 फरवरी के पत्र के माध्यम से सरगुजा जिले के सरगुजा वनमंडल अंतर्गत परसा ईस्ट एवं केते बासन कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन कार्य हेतु फेस-2 के तहत 1136 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कलेक्टर व जिला वनमंडलाधिकारी को उपरोक्तानुसार जारी अनुमति में उल्लेखित शर्तों का पालन करा आवश्यक कार्रवाई किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
केंद्र ने किया था आबंटन
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और अडानी की कंपनी को दक्षिण सरगुजा के हसदेव-अरण्य कोल फील्ड्स के परसा ईस्ट और केते बासन में कोल ब्लॉक की अनुमति दी थी। इस क्षेत्र के हाथी प्रभावित होने, घने वनक्षेत्र होने और हसदेव का जल संग्रहण क्षेत्र होने के आधार पर यहां के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जारी वन अनुमति निरस्त कर दी गई थी। साथ ही इन बिंदुओं का विस्तृत अध्ययन करने कहा था। राजस्थान सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने खदान चलाने की अनुमति दी थी।
गहलोत कई बार लिख चुके पत्र
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राजस्थान के ताप विद्युत घरों में कोयले के संकट को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को दो बार पत्र लिखा। उन्होंने सीधे तौर पर कोल ब्लॉक खनन की अनुमति देने की मांग रखी। मामला हल नहीं होने पर उन्होंने इसे पार्टी फोरम में भी उठाया। वहां पर भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बुलाकर इसकी मंजूरी देने के दिशा में प्रयास करने कहा था। इस मामले में चर्चा के लिए गहलोत अपने अफसरों को लेकर जयपुर से रायपुर भी पहुंचे और सीएम भूपेश बघेल के साथ चर्चा के बाद अंतत: अब इसकी अनुमति मिली है।