कर्मचारियों का अंशदान बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने वित्त विभाग करेगा मंथन

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जयपुर से लौटे अध्ययन दल के रिपोर्ट पर वित्त सचिव आज चर्चा कर तय करेंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार भी राजस्थान जैसी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर सकती है। सरकार ने राजस्थान की योजना का अध्ययन करने के लिए कुछ अफसरों को जयपुर भेजा था। उनकी रिपोर्ट आ गई है। बुधवार को वित्त विभाग के अफसरों की बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद यह तय किया जाएगा कि कर्मचारी अंशदान कटौती कब से बंद करनी है और पुरानी पेंशन व्यवस्था कब से लागू करनी है। वित्त विभाग अपने निर्णय से सरकार को अवगत कराएगी उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।

प्रदेश के तीन लाख कर्मचारी-अधिकारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। सबसे पहले राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला किया था। छत्तीसगढ़ शासन ने एक अध्ययन टीम भेजकर वहां की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली है। टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ-साथ एनपीएस के अंतर्गत पहले कर्मचारी अंशदान कटौती की राशि के प्रबंधन पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा वर्तमान में जो कर्मचारी एनपीएस के अंतर्गत आते हैं, उनके लिए जीपीएफ व डीपीएफ खाता खोलने की प्रक्रिया तय की जाएगी। नवीन जीपीएफ का लेखा-जोखा महालेखाकार द्वारा जारी रखें या राजस्थान की तरह वित्त विभाग के अधीन लाया जाएं। वित्त विभाग में एक अलग पेंशन सेल गठित करने की आवश्यकता और संभावना। नवम्बर 2004 यानी नई पेंशन योजना लागू होने के दिन से पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बीच रिटायर हुए अथवा मर चुके कर्मचारियों के मामलों का निपटारा कैसे होगा।

संसाधनों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन

उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी को ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। वहां एक अप्रैल 2022 से राज्य कर्मचारियों के वेतन से पेंशन अंशदान की कटौती नहीं हो रही। राजस्थान ने पिछले कई महीनों से इस योजना की तैयारी की थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 9 मार्च को बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की थी। तब सरकार के पास योजना को लेकर कोई खास ढांचा उपलब्ध नहीं था। एक प्रारंभिक अध्ययन ही कराया गया था, जिसका मकसद केवल यह जानना था कि इससे राज्य के संसाधनों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

रिपोर्ट के आधार पर होगा निर्णय

वित्त विभाग ने उप सचिव विजय शुक्ला, संचालक केएल रवि और संयुक्त संचालक किरण नागेश को जयपुर भेजा गया था। इन अधिकारियों ने राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के अफसरों से योजना पर चर्चा के बाद एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. विभाग के दूसरे अधिकारियों और जयपुर से लौटे अफसरों से पूरी योजना पर चर्चा करने वाली हैं। इसमें लिए गए फैसलों से ही पुरानी पेंशन योजना की राह आसान होगी।

कर्मचारियों के इलाज के लिए नई योजना का भी प्रस्ताव

वित्त विभाग की इस बैठक में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना लागू करने आवश्यकता और संभावना पर भी चर्चा होनी है। राजस्थान सरकार ने 2021 के बजट में इस योजना को पेश किया था। इसके तहत कर्मचारियों के वेतन स्लैब के अनुसार अंशदान की कटौती होती है। बीमार होने पर आउटडोर अथवा इनडोर चिकित्सा सुविधा कैसलेश उपलब्ध कराई जाती है।