जीएसटी में तीन हजार और साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक राजस्व मिला
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बाद जीएसटी और पंजीयन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जीएसटी में इस बार 35 और पंजीयन में लगभग 23.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में 3328 करोड़ रुपये अधिक जीएसटी एकत्र किया है। वहीं पंजीयन विभाग में शासन द्वारा दिए गए विशेष छूट के चलते 2020-2021 में 1589.42 करोड़ की तुलना में इस वर्ष 2021-2022 में रिकार्ड 1955.95 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक इफ्फत आरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पंजीयन नियमों में विशेष छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था। विभाग द्वारा मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए 75 लाख रुपए तक के आवासीय मकानों के विक्रय संबंधी दस्तावेजों पर लगने वाले पंजीयन शुल्क में 2 प्रतिशत की छूट दी गई है, जो अगस्त 2019 से लागू हुई थी। इसी तरह जमीन के गाईडलाइन दरों में जुलाई 2019 से 30 प्रतिशत की कमी की गई। इस वर्ष में नगरीय निकायों में अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट देकर 40 प्रतिशत की कमी की गई। साथ ही छोटे भूखंडों की बिक्री पर प्रतिबंध हटाया गया। शासन द्वारा उठाये गए इन कदमों से सकारात्मक वातावरण निर्मित हुआ। आम जनों ने प्रोत्साहित होकर पहले की अपेक्षा अधिक जमीन की खरीदी-बिक्री की। इससे शासन को मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी हुई।
छत्तीसगढ़ 35 और देश में 26 प्रतिशत वृद्धि
वित्त वर्ष 2020-21 में संग्रहित 9627 करोड़ रुपये जीएसटी की तुलना में, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल जीएसटी संग्रहण 12961 करोड़ रुपये रहा, अर्थात 35 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। छत्तीसगढ़ राज्य में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए संग्रहित कुल जीएसटी राजस्व 24,357 करोड़ रुपये की तुलना में, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल जीएसटी राजस्व संग्रहण 29,392 करोड़ रुपये रहा, जिसके परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इन उपायों से बढ़ा संग्रहण
जीएसटी संग्रहण बढ़ाने कई उपाय लागू किए गए। जब कोरोना महामारी शुरू हुई थी उसी समय से सुनिश्चित किया कि करदाताओं को अपने वैधानिक दायित्व को पूरा करते समय किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। लंबित रिफंड को फास्ट ट्रैक करने अप्रैल-जून 2020 के दौरान तुरंत विशेष रिफंड अभियान शुरू किया गया था। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी रिफंड 30 दिनों के भीतर हो जाएं। महामारी की अवधि में भी समय पर सत्यापन सुनिश्चित करके नए पंजीकरण प्रदान किए गए।