छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ केंद्र की दुर्भावना को छिपा रहे भाजपा सांसद

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कांग्रेस ने कहा- राज्य की जनता पर अहसान जताने की चेष्टा न करें सोनी

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, सांसद सुनील सोनी के उठाये गये सवाल को सतही और छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ केंद्र की दुर्भावना को छुपाने की कवायद है। सुनील सोनी पिछले और इस वर्ष केंद्र के द्वारा राज्य को जारी किये जाने वाली राशि का ब्यौरा प्रस्तुत कर रहे हैं। संघीय ढांचे में केंद्र सरकार राज्य सरकारों को उनकी आबादी और क्षेत्रफल के अनुपात में राशि जारी करता है। मोदी सरकार कोई नया काम नहीं कर रही है यह उसका दायित्व है और यह छत्तीसगढ़ को दिया जाने वाला कोई खैरात नहीं है। सांसद सोनी राज्य की जनता पर अहसान जताने की चेष्टा मत करें।

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में कहा, मोदी सरकार ने जीएसटी लागू करके राज्यों को मिलने वाले कर संग्रहण को अपने अधीन कर लिया है। राज्य से एकत्रित होने वाले टैक्स का हिस्सा केंद्र राज्यों को वापस करता है। सांसद मोदी सरकार की चाटुकारिता करने के बजाय केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ के हिस्से की रोकी गयी रकम के भुगतान की पैरवी क्यों नहीं करते? सुनील सोनी सहित भाजपा के सांसद अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे है। मुख्यमंत्री राज्य के लंबित राशि की मांग कर रहे हैं तो सोनी इस संबंध में सीधा जवाब देने के बजाय राज्य को केंद्र से कितनी राशि मिल रही है इसका ब्यौरा दे रहे है। यदि केंद्र को राज्य को कुछ भी बकाया नहीं देनी है तो मुख्यमंत्री के द्वारा लिये गये आधा दर्जन से अधिक पत्रों के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्री नकार क्यों नहीं रहे कि राज्य की कोई लेनदारी बकाया नहीं?

कांग्रेस ने कहा- केंद्र से लेना है 55 हजार करोड़ से अधिक

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की केंद्र से कुल लेनदारी-राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा 14 हजार करोड़, कोयले की रायल्टी की अतिरिक्त लेबी का 4140 करोड़, सेंट्रल एक्साईज के 13 हजार करोड़, प्रधानमंत्री शहरी आवास का 1500 करोड़ की दो किश्त, खाद सब्सिडी का 3631 करोड़, मनरेगा का 9 हजार करोड़। मनरेगा तकनीकी सहायता का 350 करोड़, कुल 44121 करोड़। सीआरपीएफ बटालियन खर्च के नाम पर राज्य का 11 हजार करोड़ रुपए काट दिया। कुल – 55,121 करोड़ रुपए लेनदारी है। इस वर्ष से जीएसटी क्षतिपूर्ति देना बंद हो जायेगा इससे राज्य को 5,000 रू. की हानि होगी। अभी सेंट्रल पुल के चावल का हिसाब आना बाकी है।