नेशनल लोक अदालत के माध्यम से आपसी सहमति व सुलह समझौता से प्रकरण हुए निराकृत

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार बालोद जिले के सभी न्यायालयो में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिनमे राजीनामा योग्य प्रकरणो में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किए गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुमन सिंह ने बताया कि प्रकरणो के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमो से उनकी उपस्थिति में निराकृत किए जाने के अतिरिक्त स्पेशल सीटिंग के माध्यम से भी पेटी अफेन्स के प्रकरणो को निराकृत किया गया। इस सिलसिले में न्यायामूर्ति गौतम भादुड़ी कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस सम्पूर्ण लोक अदालत को सफल बनये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलो को निराकृत किए जाने हेतु प्रेरित किया।

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उन्होंने बताया कि इसी तारतम्य में जिला एवं सत्र न्यायलय बालोद एवं व्यवहार न्यायलय स्तर पर डौडीलोहारा, गुंडरदेही में और राजस्व न्यायालयों में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालोद माननीय डॉ. प्रज्ञा पचौरी के निर्देशानुसार इस लोक अदालत के लिए कुल 07 खंडपीठ का गठन किया गया। इसमें प्री लिटिगेशन के बैंक, विद्युत, जलकर, बीएसएनएल व राजस्व न्यायालयों में कुल 12 खंडपीठ का गठन किया गया। जिसमे कुल 10,091 प्रकरण रखे गए। जिसमे 10,071 प्रकरणो का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया। प्री लिटिगेशन के कुल 469 प्रकरणो का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया। जिसमे लगभग 299375 रूपए राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार न्यायालय में 829 मामलो का निराकरण करते हुए कुल 10134850 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया।

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 ग्राम तमोरा निवासी होमेश्वरी साहू द्वारा अपने पति निर्मल कुमार साहू से धारा 125 द.प्र.संहिता भरण पोषण का मामला लगभग 02 वर्ष से चला आ रहा था। जिसका न्यायाधीश कुटुंब न्यायलय बालोद श्रीमती गिरिजा देवी मरावी द्वारा सलाह व समझाइश देकर दोनों पक्षो के बीच समझौता कराया गया। आज 14 मई 2022 को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से होमेश्वरी अपनी पुत्री काजल साहू के साथ अपने पति श्री निर्मल कुमार के साथ रहने को तैयार हुई तथा जिला न्यायालय बालोद में न्यायाधीश श्रीमती गिरिजा देवी मरावी द्वारा प्रकरण को समाप्त कर दोनों को आपसी मतभेद को छोड़ कर एक साथ रहने की समझाइश दी गई।

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