बस्तर में पत्रकारिता के एक युग का अवसान,शंकर तिवारी जी का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्णीय क्षति – रेखचंद जैन
विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव नगरीय प्रशासन एवं श्रम विभाग रेखचंद जैन ने बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार शंकर तिवारी जी के असामयिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए बस्तर की पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया तथा उनके परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की |
आवश्यक कार्य से रायपुर प्रवास पर गये विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने शोक संदेश जारी करते हुए कहा की जगदलपुर-बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार शंकर तिवारी आज हमारे बीच नही रहें.वे 63 वर्ष के थे.उनके निधन से पूरा पत्रकार जगत दुःखी है.स्वर्गीय शंकर तिवारी मूलत: गरियाबंद के रहने वाले थे.उनका जन्म 3 जून 1957 को हुआ था.1 बहन और 5 भाइयों का उनका भरा पूरा परिवार है.वे मध्यप्रदेश राज्य परिवहन विभाग में कार्यरत थे.परिवहन विभाग से रिजाइन कर शंकर तिवारी ने जगदलपुर की रहने वाली साधना ठाकुर से विवाह किया और यहाँ बस गये.बस्तर आने के बाद वे पूरी तरह पत्रकारिता के पेशे में आ गये.उन्होंने दैनिक अग्रदूत,पीटीआई,समवेत शिखर ओके इंडिया,क्राइम कंट्रोल न्यूज़ सहित अन्य संस्थाओं में अपनी सेवाएं दीं.दिवंगत शंकर तिवारी ने स्वमं का साप्ताहिक अखबार छतीसगढ़ विचार का रजिस्ट्रेशन भी करवाया था.वे अविभाजित मध्यप्रदेश में राज्य स्तरीय अधिमान्यता पत्रकार भी रहे. दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार शंकर तिवारी स्वच्छ छवि और मिलनसार व्यक्ति थे साथ ही साथ पर्यावरण प्रेमी तथा.बस्तर विकास के लिए अपनी लेखनी के जरिये आवाज भी उठाया करते थे.बस्तर जिला पत्रकार संघ के लिए वे अंतिम क्षणों तक लड़ते रहे उनके चले जाने से बस्तर के पत्रकार काफी दुखी हैं उन्होंने कहा की की बस्तर जिला पत्रकार संघ सहित पूरे बस्तर के पत्रकारों के लिए अपूरणीय क्षति है जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती.दिवंगत शंकर तिवारी एक पुत्री दो पुत्र पत्नी समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं |
उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रभु से उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की |