खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ ने जिला मंत्री मुश्ताक अहमद के नेतृत्व में आज राजहरा खदान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिकों कीज्ञ समस्याओं के निवारण हेतु एक ज्ञापन मुख्य महाप्रबंधक खदान को सौंपा। ज्ञापन सौंपने से पहले संघ के कार्यकर्ता भारतीय मजदूर संघ कार्यालय भवन से अपने दोपहिया वाहनों से रैली के रूप में नगर भ्रमण करते हुए माइंस आफिस गेट पर पहुंचे और फिर यह रैली ने वहां एक सभा का रूप ले लिया। इस ज्ञापन के माध्यम से राजहरा खदान समूह में विभिन्न खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों के समस्याओं को रखते हुए इनके निवारण हेतु समुचित कदम उठाने की मांग और माइंस आफिस मेनगेट के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में महामाया खदान के ठेका श्रमिक,हितकसा डेम के ठेका श्रमिक, राजहरा खदान समूह के विभिन्न खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिक और राजहरा खदान समूह में कार्यरत सुरक्षा गार्ड एवं आईओसील प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिक और सुरक्षा व अन्य ठेका श्रमिक शामिल हुए ।
उपस्थित ठेका श्रमिकों को सर्वप्रथम केन्द्रीय उपमहासचिव लखन लाल चौधरी ने संबोधित किया और कहा कि प्रबंधन की कथनी और करनी में अंतर दिखता है जिसका नुकसान ठेका श्रमिकों को हो रहा है।संघ बहुत कम समय में देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं की बदौलत बना है इसलिए संघ का स्पष्ट मानना है कि श्रमिकों के हितों को लेकर किसी तरह का समझौता हम नहीं करेंगे और ठेका श्रमिकों के जायज मांगों को लेकर लड़ाई जारी रहेगी जबतक कुंभकर्णी नींद में सोई प्रबंधन को हम जगाने में सफल नहीं हो जातें हैं। सभा को मुख्य वक्ता के रूप में जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने संबोधित करते हुए कहा कि महामाया में वर्षों से कार्यरत टिप्पर ऑपरेटर्स अभी भी स्किल्ड श्रमिक का वेतन दिया जाता है जबकि आईओसी के अन्य खदानों में इनसे कनिष्ठ टिप्पर ऑपरेटर्स एवं अन्य वहां चालकों को हाइली स्किल्ड का वेतन दिया जाता है। अतः संघ यह मांग करता है कि महामाया सभी टिप्पर ऑपरेटर्स को हाइली स्किल्ड का वेतन दिया जावे।
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जो कि महामाया के श्रमिकों का अधिकार है और प्रबंधन को ईसे अतिशीघ्र लागू करना चाहिए। जिला मंत्री ने आगे कहा कि महामाया में कार्यरत तीन ठेका श्रमिकों के मृत्यु उपरान्त उनके आश्रितों को अब तक अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गयी है जबकि अन्य ठेकों में मृतक कर्मियों के आश्रितों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है। संघ यह मांग करता है कि महामाया खदान में मृतक तीन ठेका श्रमिकोंके आश्रितों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति में दी जावे। जिससे महामाया के श्रमिकों को भी लगे कि प्रबंधन हमारे साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं कर रहा है। अपने उद्बोधन में जिला मंत्री ने आगे
कहा कि कुछ माह पूर्व प्रबंधन, प्राशसन और महामाया श्रमिक संगठन और भारतीय मजदूर संघ के बीच बैठक में सहमति बनी थी कि पानी के लिए महामाया क्षेत्र में बीएसपी प्रबंधन द्वारा बोरिंग करवाया जायेगा,मगर पुरी गर्मी निकल गई मगर बीएसपी प्रबंधन ने बोरींग आज तक नहीं करवाया । अतः संघ यह मांग करता है कि अपने द्वारा किये गए समझौते का पालन करते हुए जल्द से जल्द आईओसी प्रबंधन द्वारा बोरिंग करवाया जावे। और भविष्य किसी भी तरह के समझौते का पालन समय से करवाया जाए।
जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि वर्षों से हितकसा डेम में कार्यरत श्रमिकों को हर साल बरसात में कार्य से बैठा दिया जाता है और सभी श्रमिक बेरोजगार हो जातें हैं जबकि यह ठेका शर्तों का खुलेआम उल्लंघन है।जब ठेका सालभर है तो काम भी सालभर का मिलना चाहिए इसलिए संघ मांग करता है कि हितकसा डेम में कार्यरत श्रमिकों के लिए बीएसपी प्रबंधन ईस बार बरसात में भी रोजगार की व्यवस्था करें । क्योंकि की बरसात कभी भी हो सकती है इसलिए जल्द से जल्द प्रबंधन श्रमिक हित में टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जावे। मुश्ताक अहमद ने आगे कहा कि चोरहापड़ाव से लेकर महामाया तक नये सिरे से सड़क निर्माण किया जावे, सड़क का चौड़ीकरण और पुराने हो चुके पुलियों को भी नये सिरे से बनाया जावे। क्योंकि अभी जो टेंडर हो रहें हैं वो पैच वर्क के लिए निकाले जा रहे हैं इसलिए सुरक्षा की दृष्टि कोण से भी चोरहापडाव से लेकर महामाया तक नये सिरे से सड़क निर्माण किया जावे।
साथ ही जिला मंत्री ने कहा कि महामाया के तीनों पंचायत में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया जाए। क्योंकि दूषित पानी पीने से हरसमय बीमारी का खतरा बना रहता है। इसलिए ग्राम वासियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था बीएसपी प्रबंधन बरसात के पूर्व करें। और बिजली की भी व्यवस्था किया जावे। अहमद ने आगे कहा कि आज राजहरा खदान समूह के सभी खदानों में सुरक्षा के मापदंडों का कड़ाई पालन नहीं हो रहा है । ठेकेदार असुरक्षित तरीके से कार्य करा रहा है और जिम्मेदार अधिकारी मौन से सहमति देते नजर आते हैं। जोकि काफी चिंताजनक है इसलिए संघ की मांग है कि सभी खदानों में सुरक्षा तय मानकों अनुरूप ही कार्य हो ऐसा सुनिश्चित किया जावे। साथ ही उन्होंने प्रबंधन को याद दिलाया कि पूर्व में भी हमने मांग की थी कि वर्षों से जो ठेका श्रमिक या दस वर्षों अथवा उससे अधिक अवधि से एक ही कार्य में कार्यरत ठेका श्रमिकों का नियमितीकरण किया जावे अथवा उन्हें बीएसपी एस -१ ग्रेड का न्यूनतम वेतन दिया जावे।
आगे अहमद ने कहा कि सभी ठेकों में सामान मापदंड अपनाते हुए पंद्रह हजार से ऊपर वेतन पाने वाले ठेका श्रमिकों के पूरे वेतन पर सीपीएफ कटौती की जावे या फिर सीलिंग की शर्त सभी ठेकेदारों पर सामान रूप से लागू किया जावे। अभी तो ऐसा लगता है कि विशेष ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रबंधन के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार मिलकर श्रमिकों का शोषण करने में लगे हैं। इसलिए इस पर तत्काल समुचित कार्यवाही की जावे और अभी जो पैसा ठेकेदार ने श्रमिकों का 15000 सिलींग के नाम पर लूटा है उसे ब्याज सहित ठेका श्रमिकों को वापस दिलवाया जाए। अंत में मुश्ताक अहमद ने प्रबंधन को याद दिलाया कि आपके द्वारा तीन श्रम संगठनों (बीएमएस, एटक और इंटुक) और प्रबंधन के साथ हुए समझौते के अनुरूप खदान में कार्यरत ठेका श्रमिकों को को 150/- रूपये भत्ता (01 अप्रैल 2022 से ऐरीयस के साथ) और मेडिकल सुविधा जल्द से जल्द प्रारंभ किया जावे।
क्योंकि हर कार्य में देरी करना प्रबंधन की मानसिकता में आ चुकी है इसपर बदलाव करते हुए ठेका श्रमिकों को उनके हक का पैसा और मेडिकल सुविधा अतिशीघ्र आरंभ किया जावे। सभा का आभार प्रदर्शन महामाया के साथी अशोक कुमार ने किया। सभा की समापन के उपरांत संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपना ज्ञापन मुख्य महाप्रबंधक खदान तपन सूत्रधार, महामाया खदान के महाप्रबंधक अरूण कुमार और उपमहाप्रबंधक कार्मिक विकास चन्द्रा को सौंपा और उसपर अतिशीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया।ईस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुश्ताक अहमद जिला मंत्री भारतीय मजदूर संघ बालोद, एम पी सिंग केन्द्रीय अध्यक्ष खदान मजदूर संघ भिलाई, लखन लाल चौधरी उपमहा सचिव केन्द्रीय, संजय यादव, संतोष देवांगन, महामाया से अशोक कुमार,शोभीत मंडावी, सोरीजी, देवाशीष सरकार, निलेश श्रीवास्तव, अप्पल राजू, जितेन्द्र साहू ,सोहन जयसवाल,टकेशवर आदि सैकड़ों की संख्या में संघ के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।