- पूर्व जिला पंचायत सीईओ पर अनियमितता का आरोप
- डेढ़ साल पहले कलेक्टर ने की थी कार्रवाई की अनुशंसा
अर्जुन झा
जगदलपुर बस्तर संभाग के कोंडागांव जिला पंचायत में पचास लाख रुपए के फर्जीवाड़ा का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। पूर्व जिला पंचायत सीईओ पर बीआरजीएफ योजना मद के 50 लाख रू. से अधिक की राशि की गड़बड़ी का खुलासा जांच में हुआ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कोंडागांव के पूर्व कलेक्टन द्वारा सीईओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य शासन को डेढ़ वर्ष पूर्व प्रतिवेदन भेजा जा चुका है। राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते मामला अब तक मंत्रालय में लटका हुआ है। खबर है कि उक्त दागी अधिकारी अब सत्ताधारी दल के नेताओं के शरणागत होकर अपनी खाल बजाने की जुगत में लग गए हैं, लेकिन विधायक लता उसेंडी ने अधिकारी को किसी भी हाल में न बख्शने का फैसला किया है।
वर्तमान में उक्त दागी अधिकारी सुकमा जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ के पद पर पदस्थ हैं। बस्तर के एक पूर्व मंत्री के दबाव में कार्रवाई की फाईल मंत्रालय में डेढ़ वर्षों से अटकी है। खबर है कि सत्ता परिवर्तन के बादbकार्रवाई से बचने अधिकारी अपने पुराने आका से संपर्क कर मामले को रफादफा कराने में जुट गए हैं।कोंडागांव जिले में वर्ष 2019- 20 में पूर्व जिला पंचायत सीईओ के संरक्षण में बीआरजीएफ मद की राशि की जमकर बंदरबांट होने का मामला उजागर हुआ है। जांच में हुए खुलासे के मुताबिक सामग्री की खरीदी की ही नहीं गई और दस्तावेजों में सामग्री खरीदी दर्शाकर लाखों रूपयों की घपलेबाजी कर ली गई। जबकि योजना बंद होने पर राशि को शासन को वापस की जानी थी। उक्त राशि का उपयोग करने को लेकर शासन से अनुमति लेना जरूरी था। लेकिन तत्कालीन सीईओ ने ऐसा न करते हुए शासन के आदेशों को दरकिनार कर शासकीय राशि की बंदरबांट कर ली। उक्त जिला पंचायत सीईओ वर्तमान में सुकमा में प्रभारी जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ हैं। सुकमा में भी कुछ ऐसा ही खेल राजनीतिक संरक्षण में खेले जाने का आरोप भाजपा नेताओं ने लगा रहे हैं।
जांच में साबित हुआ था फर्जीवाड़ा
कोंडागांव के तत्कालीन कलेक्टर दीपक सोनी को उक्त मामले की शिकायत मिली थी। तब उन्होंने शिकायत के आधार पर कोंडागांव जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा को जांच के आदेश 15 दिसंबर 2021 को दिए थे। कलेक्टर से मिले आदेश पत्र क्र. 8204, 15 दिसंबर 2021 के परिपालन में जिला पंचायत सीईओ श्री शर्मा ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच कराई। उप संचालक बीआर मौर्य की अध्यक्षता में कोषालय अधिकारी संजय सोनवानी, डीपीएम केजलाल सिन्हा द्वारा मामले की जांच की गई। जांच में 50 लाख रू. से अधिक की अनियमितता पाई गई थी। जांच कमेटी ने 17 फरवरी 2022 को जिला पंचायत सीईओ को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। जांच रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ श्री शर्मा ने 18 फरवरी 2022 को कोंडागांव तत्कालीन कलेक्टर को सौंप दी थी। मामले में कार्रवाई के लिए कलेक्टर द्वारा राज्य शासन को डेढ़ वर्ष पूर्व प्रतिवेदन भेजा गया था। मगर मामला मंत्रालय की फाईलों में ही दबा रह गया है। बताते हैं कि बस्तर संभाग के ही एक केबिनेट मंत्री ने मामले को दबाने में अहम भूमिका निभाई थी। लाखों रू. की अनियमितता के मामले में कोंडागांव के पूर्व जिला पंचायत सीईओ एवं वर्तमान में सुकमा में प्रभारी जिला पंचायत सीईओ से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाईल फोन पर कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। कोंडागांव जिला पंचायत के सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा ने बताया कि पूर्व कलेक्टर के आदेशानुसार मामले की जांच कराई गई थी। जांच में तत्कालीन सीईओ द्वारा पचास लाख से अधिक की राशि की अनियमितता पाई गई थी। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपा गया था। कलेक्टर द्वारा कार्यवाही के लिए राज्य शासन को प्रतिवेदन भेजा जा चुका है।
वर्सन
शासन को लिखेंगे पत्र
कोंडागांव जिला पंचायत के पूर्व सीईओ द्वारा लाखों रुपयों की अनियमितता की जाने संबंधी मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। मामले में कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तो होगी ही, पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
-लता उसेंडी, विधायक, कोंडागांव