ऐसे में बस्तर में कैसे तर सकती है भाजपा… मनभेद में सिमट गया जलसा

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भाजपा सम्मेलन से रेणुका और मंडावी ने भी बनाई दूरी

(अर्जुन झा)

जगदलपुर। सुनते थे दिल में बहुत शोर दिल का, जो काटा तो कतरा ए खूं भी न निकला! भाजपा ने प्रचारित किया था कि केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह की सरपरस्ती में रविवार को तोकापाल में संभागीय सम्मेलन होगा। लेकिन यह सम्मेलन बस्तर जिले में ही सिमट गया। रेणुका ने तो दूरी बनाई ही, बस्तर संभाग के इकलौते भाजपा सांसद मोहन मंडावी भी इसमें शामिल नहीं हुए। भाजपा में सामने आए इस नजारे को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। कहा जा रहा है कि बस्तर संभाग में आदिवासी नेताओं में वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। फिलवक्त भाजपा के चार बड़े नेता सांसद मोहन मंडावी, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, महेश गागड़ा और लता उसेंडी पराजय के तूफान में फंसी पार्टी की नैया के माझी होने का दम भर रहे हैं। यह घरेलू संग्राम भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी की मेहनत पर पानी फेर रहा है।गौरतलब है कि केदार कश्यप जब बस्तर लोकसभा क्षेत्र से राज्य के वरिष्ठ मंत्री हुआ करते थे, तब लता उसेंडी और महेश गागड़ा को उनकी सुनने की जरूरत थी‌ लेकिन बस्तर संभाग स्तरीय क्षेत्र में सांसद मोहन मंडावी अब बड़े नेता हो गएं हैं, ऐसे में संभागीय सम्मेलन से उनकी दूरी आपसी कलह की खबरों को हवा दे रही है।

सब कुछ लुटा के भी होश में नहीं आये

बस्तर संभाग में कांकेर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और बस्तर के नेता विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद से एक-दूसरे की बातों को अहमियत नहीं दे रहे हैं। कांकेर क्षेत्र के नेता महावीर सिंह राठौर , सांसद मोहन मंडावी, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत सहित कई नेता सम्मेलन में नहीं पहुंचे तो कोंडागांव की भाजपा नेता और पूर्व मंत्री लता उसेंडी भी मंच पर नजर नहीं आईं। बीजापुर के भाजपा नेता और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा सहित पार्टी का कोई बड़ा नेता सम्मेलन में नहीं पहुंचा। सुकमा से भी बड़े नेता नहीं आएं। इसी तरह दंतेवाड़ा से ओजस्वी मंडावी सहित कई नेताओं ने भी भाजपा के संभागीय सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। ऐसे हालात में कहा जा रहा है कि भाजपा के क्षेत्रीय नेता सब कुछ लुटा के भी होश में आने तैयार नहीं हैं।

जुबान पर मोदी कम भूपेश ज्यादा

भाजपा का यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री की योजनाओं पर फोकस करने के लिए आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं की स्तुति होनी थी लेकिन भाजपा के नेताओं की जुबान पर पीएम मोदी कम, सीएम भूपेश बघेल ज्यादा रहे। वे भूपेश बघेल और कांग्रेस को कोसते रहे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि यह समझ नहीं आ रहा कि भाजपा ने मोदी का गुणगान करने के लिए महफिल सजाई थी या भूपेश बघेल को कोसने के लिए?