रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस सदस्य धनेंद्र साहू ने नए रायपुर में पुरानी बसाहट के विकास का मुद्दा उठाते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया को जमकर घेरा। धनेंद्र साहू ने नगरीय प्रशासन मंत्री से पूछा कि प्रदेश के कौन-कौन से नगरों को स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई है तथा किस किस नगर की स्मार्ट सिटी योजना कितने कितने लागत की है, अभी तक किन किन नगरों को विकास कार्य हेतु भारत शासन एवं छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कितनी कितनी राशि प्रदान की गई है, इन योजनाओं की क्रियान्वयन एजेंसी किस विभाग को बनाया गया है तथा कितनी कितनी राशि का ठेका किस किस कंपनी या ठेकेदार को दिया गया है, उनके प्रश्न के जवाब में विभागीय मंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रदेश के 3 शहरों रायपुर, बिलासपुर एवं नवा रायपुर अटल नगर का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है। नगर वार योजना की लागत राशि की जानकारी प्रपत्र के अनुसार है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर एवं नवा रायपुर अटल नगर के विकास कार्य हेतु भारत शासन एवं राज्य शासन से प्राप्त राशि की जानकारी भी उन्होंने दी। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन के दिशा निर्देशों अनुसार योजना के क्रियान्वयन हेतु मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नवा रायपुर अटल नगर स्मार्ट सिटी कारपोरेशन लिमिटेड नाम से कंपनियों का गठन किया जाने की जानकारी दी। इस पर धनेंद्र साहू ने कहा कि नए रायपुर में पुरानी बसाहट के गांवों में काम नहीं हो रहा, टेंडर नहीं हो रहा। 1771 करोड़ की योजना में पुरानी बसाहट के गांव क्यों छोड़ रहे हैं। जहां कोई नहीं रह रहा, वहां विकास हो रहा है और जहां लोग रह रहे हैं, वहां विकास नहीं हो रहा। इस पर मंत्री डहरिया ने कहा कि केंद्र से राशि नहीं आई है, राशि आने पर काम आगे बढ़ेगा। इस योजना में केंद्र और राज्य का आधा-आधा हिस्सा होता है। धनेंद्र साहू ने बैठक में नहीं बुलाए जाने का मुद्दा उठाया तब मंत्री डहरिया ने कहा कि जब बैठक होगी, तब उन्हें बुलाया जाएग।