जगदलपुर-रावघाट रेल लाईन मुआवजा वितरण में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला
जगदलपुर – रावघाटजगदलपुर रेललाईन से जुड़े मुआवजा घोटाले में बिलासपुर हाईकोट की एकल पीठ द्वारा आरोपियों के विरुद्ध निर्णय सुनाएं जाने और अपील पर युगल पीठ द्वारा एकल पीठ के निर्णय को सही ठहराने के बाद बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने भी कार्रवाई तेज कर दी है। हाईकोर्ट से मिले आदेशों के बाद पूर्व में मुआवजा राशि निर्धारण करने की गणना पत्रक तैयार करने वाले शासकीय सेवको पर गिरफ्तारी की लटकी तलवार। घोटालेबाजों की अपील खारिज होने से रेलवे को मुआवजा राशि का 100 करोड़ वापस करना होगा। चर्चा है कि शासकीय सेवको के कार्य में उदासिनता के कारण करोड़ों के मुआवजा घोटला किया गया है।
ज्ञातव्य हो कि रेलवे लाईन के लिए भूअर्जन से जुड़े मुआवजा घोटाला को लेकर आरोपित भू-स्वामियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू करने के साथ-साथ एसडीएम राजस्व को नये सिरे से मुआवजा राशि का निर्धारण करने गणना पत्रक तैयार करने के निर्देश बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने दिए है जिसकी समय सीमा 30 जुलाई निर्धारित करते हुए गणना पत्रक तैयार करने कहा गया है। पत्र के अनुसार ग्राम पल्ली, अघनपुर, कंगोली और घाटपदमुर स्थित प्रभावित खातेदारों की अधिग्रहित निजी भूमि के मुआवजा पत्रक की गणना का कार्य शुरू कर दिया गया है। रेल लाईन के मुआवजा घोटाल के जांच में दो खातेदारों को अधिक राशि देने की बातें सामने आई है। उक्त निर्देशानुसार कलेक्टर के द्वारा इनकी संपत्तियों की बिक्री पर भी रोक लगा दी है।
एफआईआर रद्द करने की अपील खारीजः
तत्कालिन अपर कलेक्टर हीरालाल नायक जो सेवानिवृत्त हो चुके है,एसडीएम सहित 10 लोगों के विरूद्ध दर्ज एफआईआर रद्द करने की अपील भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। दोनों भूमि स्वामियों बली नागवंशी और नीलिमा टीव्ही रवि के मुआवजा वापस लेने को गलत बताते हुए अपील की। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूण कुमार गोस्वामी, जस्टिस आरसीएच सामंत की डिवीजन बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश को सही ठहराते हुए भू-स्वामियों की अपील खारिज कर दी। एफआईआर की अपील खारिज होने के बाद से शासकीय कार्यों में उदासिनता बरते जाने के कारण मुआवजा राशि निर्धारण करने वाले शासकीय सेवको पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। खबर है कि पुलिस कभी भी उन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है। रीट अपील नं.119/2022 के एफआईआर दिनांक 4 अगस्त 2019 में अपराध क्रमांक 409/ 2019 में दर्ज एफआईआर में आईआरसीओएन के दो अधिकारियों को राहत मिली है। जिसमें सुरेश बी मिताली एवं एआर मूर्ति के खिलाफ दर्ज एफआईआर खरिज कर दी गई जिससे अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।
किसको कितना मिला मुआवजाः
जानकारी के अनुसार कंगोली,घाटपदमुर, अघनपुर एवं पल्लीगांव में 108 खातेदार की 28.102 एकड़ जमीन के लिए 152.58 करोड़ रूपए की राशि मुआवजा के रूप में तय की गई थी। इसमें 99.07 करोड़ रूपए केवल पल्ली के सत खातेदारों को बांटा गया है। इन सात खातेदारों के 99.7 करोड़ में से दो खातेदार को 95.82 करोड़ की राशि मुआवजा के रूप में दी गई थी जबकि 101 खातेदारों को 53.51 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है। हाईकोर्ट से जारी आदेशों के बाद मुआवजाधारियों की परेशानिया बढ़ गई है इसके साथ-साथ उन शासकीय सेवको की जो मुआवजा राशि निर्धारण में अनियमितता बरती है ऐसे शासकीय सेवक भी अपना बचाव करने के जोड़ तोड़ में जुट गये
जानकारी के अनुसार मुआवजा राशि निर्धारण करने में बरती गई अनियमिता को लेकर तत्कालिन कलेक्टर के आदेशानुसार कोतवाली पुलिस ने 4 अगस्त 2019 को पटवारी से लेकर अपर कलीक्टर तक एफआईआर दर्ज की गई थी। .
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीण ने बताया कि अपराध क्रमांक 409/2019 जो विचाराधीन था जिसकी विवेचना शुरू कर दी गई है। क्षिचना पूर्ण होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।