(अर्जुन झा)
जगदलपुर – छत्तीसगढ़ में नए जुझारू नेतृत्व के संघर्ष में 15 साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस ने चुनावी नारा दिया था- वक्त है बदलाव का। कांग्रेस ने यह कर दिखाया। अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उदयपुर मंथन में जो संदेश दिया है, वह है वक्त है संगठन में बदलाव का। यह संदेश यूं तो पूरे देश में कांग्रेस में नई रवानी और नई जवानी लाने के लिए दिया है ताकि नई कहानी लिखी जा सके तो छत्तीसगढ़ में भी संगठन में नीचे से लेकर ऊपर तक बदलाव की जरूरत से कैसे इंकार किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में बस्तर अंचल में भी बदलाव की बयार चल रही है। बस्तर में कांग्रेस जिलाध्यक्षों को लेकर सांसद दीपक बैज ने आलाकमान के फैसले का हवाला देकर यह इशारा कर दिया है कि जिनका पद पर पांच साल का समय गुजर गया है, उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है। सांसद के बयान पर गहराई से ध्यान दिया जाय तो माना जा सकता है कि जो संगठन के पद पर पांच साल से जमे हुए हैं,
उन्हें अपना सम्मान बरकरार रखते हुए खुद न केवल कुर्सी छोड़ देना चाहिए बल्कि फिर से कुर्सी कब्जाने की दौड़ से हट जाना चाहिए ताकि नए नेतृत्व के लिए अवसर निकल सके। कहा जा रहा है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष के पद पर 5 साल से बैठे नेताओं को अपनी कुर्सी खाली करनी होगी। यह वे अपनी ओर से कर दें तो भविष्य में यह उनके लिए अच्छा होगा और कांग्रेस के लिए तो अच्छा होगा ही। गौरतलब है कि कांग्रेस आलाकमान ने 5 साल से जिला अध्यक्ष के पद पर बैठे नेताओं को कुर्सी खाली करने और नए लोगों को मौका देने का फैसला लिया है। बस्तर सांसद दीपक बैज के मुताबिक राजस्थान के उदयपुर में बीते 13 से 15 मई तक चले तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर में कांग्रेस नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। यह तो जाहिर है कि कांग्रेस नेतृत्व संगठन में कसावट के लिए नए अवसर सामने लाना चाहता है। उसकी प्राथमिकता है कि संगठन में उत्साह बढ़े। देश और प्रदेश की सभी जिला इकाइयों में इस नवयुग की आवश्यकता के साथ ही बस्तर में भी इसकी जरूरत है क्योंकि यहां भाजपा भी अपने संगठन को मजबूत बनाने मेहनत कर रही है। बेशक कांग्रेस ने पिछले चुनाव में जबर्दस्त सफलता हासिल की है। बस्तर की सभी बारह विधानसभा सीटों, बस्तर लोकसभा सीट और शहरी तथा ग्रामीण सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन बस्तर को कांग्रेस का मखमली गलियारा बनाये रखने के लिए संगठन में नवीनता अपरिहार्य है। कहा जा रहा है कि अब एक व्यक्ति 5 साल से ज्यादा जिला अध्यक्ष के पद पर नहीं रह सकता तो इसके तहत बहुत सारे नये चेहरों को अवसर मिलेगा और जिनका 5 साल पूरा नहीं हुआ है, उन्हें दोबारा मौका मिल सकता है। सांसद दीपक बैज का कहना है कि बस्तर संभाग में भी कई ऐसे नेता हैं जो पद पर 5 साल पूरे कर चुके हैं। अब उनकी जगह नये लोगों को संगठन की जिम्मेदारी मिलेगी। सांसद दीपक बैज का कहना है कि विधानसभा चुनाव के लिए अब करीब डेढ़ साल का समय रह गया हैं। ऐसे में नए लोगों को मौका मिलने से संगठन और मजबूत होगा। सांसद बैज के इस बयान से कांग्रेस के कुर्सी पकड़ नेताओं में खलबली मच गई है।