आज अध्यक्षा महोदया स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के राजहरा खदान प्रवास पर भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे सौजन्य भेंट कर उन्हें कहा कि सेल अध्यक्ष के रूप में राजहरा खदान समूह में प्रथम प्रवास पर भारतीय मजदूर संघ आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता है |
महोदया, भिलाई इस्पात संयंत्र के बंधक खदानों में कार्यरत नियमित कर्मियों एवं ठेका श्रमिकों के हितार्थ संघ आपके समक्ष इस ज्ञापन के माध्यम से निम्न मांगें रखते हुए आशा करता है कि आपके द्वारा इन्हे संज्ञान में लेते हुए पूरा करने हेतु समुचित कदम उठाया जावेगा
(1) कर्मियों का विगत चार वर्षों से अधिक समय से लंबित वेतन पुनरीक्षण समझौते को पूरा किया जावे जिसमे कर्मियों को सम्मानजनक ग्रोथ मिले।
(2) सेल प्रबंधन द्वारा अपने कर्मियों को नेशनल पेंशन स्कीम की सदस्यता ग्रहण कर परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर सेल को सूचित करने को कहा गया है। महोदया, पूर्व में 6-7 वर्षों के अथक प्रयास के बाद तत्कालीन सेल प्रबंधन एवं एनजेसीएस के सदस्य श्रम संगठनों के बीच द्विपक्षीय सहमति और समझौते के बाद सेल पेंशन स्कीम लागू किया गया। ऐसे में बिना एनजेसीएस सदस्यों की सहमति के एक तरफा निर्णय लेने से कर्मियों के बीच उहापोह की स्थिति है। अतएव आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे पर पहले एनजेसीएस में सहमति बनाया जावे और उसके उपरान्त निर्णय का क्रियान्वयन किया जावे।
(3) महोदया, विगत एक वर्षों से वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण सैकड़ों सेल कर्मियों की असामयिक मृत्यु हो गयी है। संघ इस विषय में आपसे यह अपेक्षा और मांग करता है कि इस वैश्विक महामारी के कारण जिन कर्मी साथियों की मृत्यु हो गयी है उनके एक आश्रितों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति देने की घोषणा सेल प्रबंधन द्वारा की जावे। अन्य कई सार्वजनिक उपक्रमों ने इस तरह के निर्णय लेकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है।
(4) महोदया, कविड-19 महामारी के दौरान स्थानीय प्रबंधन द्वारा कर्मियों के लिए एक नॉन फाइनेंसियल रिवॉर्ड स्कीम की घोषणा की गयी थी जिसके लाभ से अबतक कर्मीगण वंचित हैं। संघ आपसे यह अपेक्षा करता है कि इस स्कीम का लाभ जल्द से जल्द कर्मियों को दिलवाएंगे और सभी कर्मियों को इस लाभ के तहत अनुपातिक रूप से सोना दिया जावे यह संघ की राय है। साथ ही संघ यह भी मांग करता है कि वर्षों से चली आ रही इंसेंटिव स्कीम का पुनरीक्षण किया जावे और एक नया इंसेंटिव स्कीम बनाया जावे।
(5) महोदया, खदानों में कार्यरत कुछ कर्मीगण केंद्रीय सरकार द्वारा बनाये गए Mines Act 1952 के अंतर्गत सृजित Mines Rule 1955 में उल्लेखित रूल 46 के तहत फ्रंट लाइन सुपरवाइजर की श्रेणी में आते हैं, किन्तु सेल प्रबंधन द्वारा कंपनी रूल के तहत इन कर्मियों को वांछित श्रेणी से वंचित रखा गया है जिसका संघ विरोध करता है एवं उन्हें जल्द से जल्द फ्रंट लाइन सुपरवाइजर श्रेणी देने की मांग करता है।
(6) महोदया, स्थानीय अस्पताल एवं सेक्टर 9 अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। कई गंभीर बिमारियों के इलाज हेतु कर्मियों को अन्यत्र रेफेर किया जाता है। अतः संघ यह मांग करता है कि सभी कर्मियों के लिए भी मेडिकल इन्शुरन्स की सुविधा उपलब्ध कराई जावे जिससे कर्मी चुनिंदा अस्पताल में रेफेर किये जाने के बजाय अपने स्वयं के चुने हुए अस्पताल में इलाज करा सके।
(7) महोदया आज कई ऐसे कर्मी हैं जो रिटायरमेंट के कगार पर हैं किन्तु आज भी उनका पदनाम वही है जो उनके सेवाकाल के आरम्भ में मिली थी तो दूसरी तरफ ऐसे कई कर्मी हैं जो किसी न किसी तकनिकी कारणों से दशकों से एक ही पदनाम पर कार्य कर रहे हैं और उसी पदनाम के साथ रिटायर भी हो जावेंगे। ऐसे कर्मियों का उत्साह बढाने हेतु एक बार Cluster “A” से लेकर Cluster “B” में कार्यरत सभी कर्मियों को उच्च पदनाम दिया जावे। पूर्व में भी सेल प्रबंधन ने इस तरह की स्थिति आने पर कर्मियों के एक विशिष्ट वर्ग को इस तरह का लाभ दिया है।
(8) महोदया, आज लगभग सभी कार्य आउट सोर्सिग द्वारा कराया जा रहा है जिससे कई कार्यों में गुणवत्ता की कमी स्पष्ट झलकती है। संघ का यह मानना है कि कॉस्ट कटिंग के नाम पर अगर किसी कार्य में गुणवत्ता से समझौता किया जाता है तो वह कंपनी के लिए हितकर नहीं है। अतः कंपनी हित को ध्यान में रखते हुए संघ आपसे यह मांग करता है कि समुचित अनुपात में नए कर्मियों की भर्ती की जावे।
(9) महोदया, आज पूरे सेल में संविदा श्रमिक की संख्या और कंपनी के उत्पादन एवं उत्पादकता को बनाये रखने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को नाकारा नहीं जा सकता है। कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी के दौरान भी उनके सराहनीय योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में प्रबंधन द्वारा प्रोत्साहन स्वरुप घोषणा की जाने वाले रिवॉर्ड स्कीम से उन्हें वंचित रखना संघ के दृष्टिकोण में उचित नहीं है। अतः संघ यह मांग करता है कि इस तरह के किसी भी स्कीम का लाभ संविदा श्रमिकों को समुचित अनुपात में दिया जावे।
(10) महोदया, सेल एक महारत्न का दर्जा प्राप्त केंद्रीय सार्वजानिक उपक्रम है। ऐसे में केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा ठेका श्रमिकों के लिए घोषित सुविधाओं (न्यूनतम वेतन आदि) का पूरा पूरा लाभ उन्हें मिले यह सुनिश्चित करना सेल प्रबंधन एवं प्रत्येक इकाई प्रबंधन का नैतिक एवं कानूनी दायित्व है। किन्तु आज भी कई ठेकों में श्रमिकों को केंद्र/राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन से भी वंचित रखा जाता है और शिकायत करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी भी दी जाती है। इन सबका मूल कारण भ्रष्टाचार है जिससे सम्बंधित तथ्यों को कई बार प्रमाण सहित सेल/स्थानीय प्रबंधन के समक्ष रखने के पर समुचित कारवाई करने का केवल आश्वासन देना किन्तु उक्त आश्वासन का क्रियान्वयन ना करना अपने आप में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की शंका उत्पन्न करता है। संघ आपसे यह पुरजोर मांग करता है कि भ्रष्टाचार के किसी भी प्रकरण में निष्पक्ष जांच की जावे और दोषी पाए जाने वाले प्रत्येक ठेकेदार और सम्बंधित अधिकारीयों पर कड़े दंडात्मक कारवाई की जावे जिससे न केवल कंपनी को लाभ होगा बल्कि ठेका श्रमिकों और नियमीत कर्मियों को भी लाभ मिलेगा।
(11) महोदया, आज कई ठेकों में कार्यरत श्रमिकों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पाता है जिससे कार्यस्थल पर औद्योगिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका बानी रहती है। अतः संघ आपसे यह मांग करता है कि सेल प्रबंधन द्वारा कुछ ऐसी प्रणाली विकसित की जावे जिससे ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान समय पर होना सुनिश्चित हो सके।
(12) ठेका श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को समुचित मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जावे। साथ ही प्रत्येक ठेके में यह सुनिचित की जावे की ठेका श्रमिकों को अन्य भत्ते ( जैसे रात्रि पाली भत्ता, साइकिल भत्ता, ओवरटाइम का पैसा आदि) का to भी भुगतान हो।
प्रतिनिधिमंडल में खदान मजदूर संघ भिलाई के महामंत्री एम पी सिंग और राजहरा खदान समूह के सचिव लखन लाल चौधरी उपस्थित थे।