आदिवासी के राशि डकार लगाने वाले 5 तेंदूपत्ता ठेकेदार फरार

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जगदलपुर :- सुकमा वन मंडल के कोंटा वन परिक्षेत्र के लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों तेंदूपत्ता संग्राहको का एक करोड़ से अधिक राशि को डकार लगाने वाले हरा सोना के ठेकेदारों को गिरफ्तार करने सुकमा जिले की पुलिस 4 राज्यों में एक दर्जन स्थानों पर दबिश दे चुकी है फिर भी पुलिस के हाथ खाली है । फिलहाल एक ठेकेदार सद्दान खान को कोंटा से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है । पुलिस की तीन टीम विभिन्न राज्यों में कर रही है पड़ताल । सुकमा पुलिस के लिए इन आदिवासियों को बकाया भुगतान राशि दिलाकर ग्रामीणों के बीच विश्वास जीतने का अच्छा मौका है । ग्रामीणों के लिए पुलिस ही एक मात्र सहारा है । सुकमा पुलिस अधीक्षक इस मामले पर लगातार एसआईटी प्रमुख से फीटबैक लेते हुए आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिये है । ज्ञातव्य हो कि सुकमा वन मंडल के कोंटा वन परिक्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक समितियों में फर्जी ढंग से तेंदूपत्ता खरीदी कर अवैध परिवहन कर सैकड़ों संग्राहको का करोड़ों रूपए का भुगतान बकाया है । ग्रामीण भी इस मामले को लेकर काफी आक्रोशित है और एक बार फिर भुगतान को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गये है ।
ठेकेदार फरार , नहीं मिला कोई सुरागः पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 10 दिन पूर्व तेंदूपत्ता के ठेकेदार के खिलाफ 379,420 , 34 आईपीसी की धारा के तहत कोंटा थाने में अपराध पंजीबद्ध किया गया है । अपराध पंजीबद्ध होने के बाद से ही सुकमा पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा के आदेशानुसार एसआईटी गठन किया जा चुका है । जिसका प्रमुख कोंटा एसडीओपी रोहित शुक्ला को बनाया गया है । एसआईटी प्रमुख के नेतृत्व में टीम गठित कर सप्ताह दिनों में पुलिस पार्टी फरार ठेकेदारों को कई राज्यों में दबिश दे चुकी है लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली है । सुकमा एवं कोटा इलाके के पुलिस जो नक्सलियों के मांद में घुसकर छक्के छुड़ाने को लेकर प्रदेशभर में चर्चा में रहा करती है वहीं पुलिस ठेकेदारों तक 10 दिनों बाद भी नहीं पहुंच पाई है । एक गिरफ्तार , 5 फरार कोंटा थाना प्रभारी श्री सिंह ने बताया कि सद्दाम खान को कोंटा से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है । शेष पांच आरोपी गुलाम खान , नावेद खान , बहादु खान् , सोहेल खान एवं शहीद खान जो अब तक फरार है जिनकी गिरफ्तारी के लिए एसडीओपी के मार्गदर्शन में पुलिस टीम रायपुर , बिलासपुर , हैदराबाद , पालवेंचा मलकानगिरी , भद्राचलम काकीनाड़ा , डोंगरगढ़ , दुर्ग , चापा , नानगुर सहित कई स्थानों पर दबिश दिया जा चुका है लेकिन कोई सुराग नहीं मिलने की बात कही उन्होंने बताया कि अभी भी तीन टीम विभिन्न राज्यों में आरोपियों की तलाश के लिए रवाना हुई है । राजनांदगांग , जांजगीर विशेष सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि जिन ठेकेदारों को तेंदूपत्ता का ठेका दिया गया है वह पूर्व में ब्लैक लिस्टेज किए जा चुके है । ऐसे ठेकेदार जो विभाग से सांठगांठ कर अपने चेहते नाम से दुबारा ठेका लेने में सफल आज वन विभाग उन आरोपियों तक पहुंचने पुलिस पर निर्भर है अगर ठेकदा देने के पूर्व उन ठेकेदारों के जानकारी के रहे । संबंधित क्षेत्र के थाना या जिले के पुलिस से ली होती तो आज पुलिस के लिए भी ठेकेदार सिरदर्द नहीं बनते और न ही सरकार की किरकिरी झेलनी पड़ती । बहादुर खान थाना से फरार : तेंदूपत्ता मामलों की जांच कर रहे वन विभाग के एक जिम्मेदार शासकीय सेवक ने बताया कि बहादुर खान जिसे पुलिस फरार बता रही है उसे मलकानगिरी से ही पकड़ा गया था । सूत्रों ने बताया कि फरार ठेकेदार ने वन विभाग के समक्ष यह कोटा क्षेत्र से तेंदूपत्ता का अवैध परिवहन की बात भी स्वीकार किया था । बयान दर्ज करने के बाद बहादुर खान को सुकमा लाया गया था जहां से उक्त आरोपी को कोंटा पुलिस को सुपुर्द किया गया था जो आज फरार बताया जा रहा है । तेंदूपत्ता खरीदी के समय भुगतान को लेकर प्रबंधक एवं पोषक अधिकारी की जिम्मेदारी भी अहम होती है इसलिए संग्राहक का भुगतान नहीं होना यह दोषी के श्रेणी में आते है ।