बस्तर अंचल के 589 गांव नक्सल मुक्त, 257 बंद स्कूलों में लौटी रौनक

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जगदलपुर, 01 सितम्बर बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि विश्वास विकास सुरक्षा के मूलमंत्र के तहत पुलिस द्वारा चलाई जा रही मुहिम बस्तरवासियों के लिए कारगर साबित हो रही है। कै्प की स्थापना से पुलिस के जवान नक्सलियों को खदेडऩे में सफल रहे है जिसका परिणाम है कि 2018 के पश्चात बस्तर अंचल में 49 कै्पों की स्थापना होने से पुलिस जवानों के लिए मददगार साबित हुआ है जिसका यहा परिणाम है कि नक्सल प्रभावित 2710 गांव से 48 महीने में 589 ग्राम को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है। नक्सलियों के आंतक के कारण बंद पड़े 257 स्कूलों को भी चालू करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कराने को लेकर 22 वर्षो में 1100 से अधिक जवानों ने शहादत दी है। उन्होंने जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी। बस्तर को नक्सलमुक्त करने जवान सतत् बिहड़ों में गश्त कर नक्सलियों को बैकफुट में ढकेलने में जुटे है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने चैनल इंडिया से चर्चा में बताया कि बस्तर अंचल के 994 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 2710 गांव में नक्सलियों का हस्तक्षेप होता था। उनमें से 589 गांव को नक्सलियों से मुक्त करा दिया गया है। इन गांव में शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों पर सीधा तौर से पहुंचाने की दिशा में पुलिस काम कर रही है। बस्तर आईजी ने बताया कि सुरक्षा कैँपों के माध्यम से आरआरपी योजना के तहत बस्तर अंचल में स्वीकृ त 51 सड़कों में से 16 सौ किमी सड़कों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वहीं शेष बचे सड़क निर्माण का कार्य भी सुरक्ष बलों की मदद से कराया जायेगा। बस्तर आईजी ने बताया कि जवानों के लगातार बिहड़ों में सर्चिंग अभियान चलाकर ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोडऩे का भी प्रयास किया जा रहा है। शासन के पुर्नवास योजना से प्रभावित होकर नक्सली समर्पण कर रहे है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बलों की उपलब्धियां वर्तमान में राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में विषेष बलों डीआरजी/एसटीएफ/कोबरा द्वारा स्थानीय पुलिस बल एवं केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बलों के साथ नक्सल विरोधी अभियान संचालित किये जा रहे हैं। प्रति वर्ष औसतन 15 बेस कै्प प्रारंभ किये जाकर नक्सल विरोधी अभियान को गति प्रदान की जा रही है। सुरक्षा के साथ विकास की अवधारणा के तहत उक्त बेस कै्पों के माध्यम से नक्सल विरोधी अभियानों के संचालन के साथ ही विकास मूलक गतिविधियों सड़क, पुल-पुलिया एवं अन्य अधोसंरचना के निर्माण हेतु सुरक्षा प्रदान की जा रही है। दिस्बर, 2018 के पश्चात् आज दिनांक तक बस्तर अंचल में कुल 43 नवीन बेस कै्प स्थापित किये गये हैं जो जवानों के लिए मददगार साबित हुआ है। नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में शासन द्वारा लिया गया मजबूत निर्णय के फलस्वरूप बस्तर संभाग के अंतर्गत माओवादी संगठन की गतिविधि दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इन्द्रावती नेशनल पार्क का इलाका, अबूझमाड़ एवं कोयलीबेड़ा क्षेत्र के चंद वर्ग कि.मीतक सीमित हो रही है। इस प्रकार अपने पैर के नीचे से जमीन खिसकने के कारण से माओवादी संगठन में बौखलाहट है। अपने संगठन के अस्तित्व को बनाये रखने तथा कैडर्स के मनोबल को मजबूत रखने के लिये माओवादियों द्वारा किसी भी हद तक जाकर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या करना, विकास कार्यों में उपयोग किये जा रहे वाहनों को आग के हवाले करना, सुरक्षा बलों के ऊपर जानलेवा हमला करना जैसे वारदातों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है। बस्तर संभाग अंतर्गत वर्ष 2019 के पूर्व की स्थिति में नक्सल प्रभावित कुल 994 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 2710 ग्रामों में से विगत 48 महीनों में कुल 589 ग्राम नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हुये। नक्सल आतंक के कारण बंद स्कूल पुन: खोले गए नक्सल आतंक के कारण बंद स्कूल जिन्हें विगत 48 महीनों में पुन: प्रारंभ किया गया – विगत समय में नक्सल आतंक के कारण बस्तर संभाग अंतर्गत कुल 363 स्कूल बंद थे जिनमें से विगत 48 महीनों में 257 स्कूल पुन: प्रारंभ किये गये।