मुझ पर भी होती ‘‘डी. एम. एफ” की मेहरबानी तो, मैं भी सजती “दुल्हन” की तरह

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अमरेश झा

कोंडागांव :- किसी भी क्षेत्र के विकास एवं सुंदरता को निहारने के पीछे वंहा के शासन व अधिकारियों का बहुत बड़ा योगदान व तपस्या होता है, जिसमें कोंडागांव जिला बनने के बाद भी यंहा के शासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने इसके भौतिक सुंदरता को निखारने में कोई कसर नही छोड़ी है। लेकिन किसी भी विकास कार्य के लिए सबसे अहम होता है बजट और ऐसी ही अतिआवश्यक बजटों में से एक होता है ‘‘डी. एम. एफ.” फण्ड, जो प्रशासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण बजटों में से एक होता है जिसे प्रशासनिक अधिकारी अपने क्षेत्र के विकास के लिए आवस्यकता अनुसार खर्च करते हैं, और कोंडागांव के विकास के लिए इस मद का भरपूर उपयोग भी किया गया है जिसे कोंडागांव में भौतिक रूप से देखा भी जा सकता है। जिनमे जिला अस्पताल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, और इस कड़ी में कई और भी निर्माण कार्य हुए हैं जो कोंडागांव की जनता एवं क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी भी था, बल्कि इस फण्ड से कोंडागांव ने विकास के नए आयाम भी तय किये हैं जिसमें कोई दोमत नहीं है। परंतु जब बात आती है कोंडागांव जिला मुख्यालय के हृदय स्थल में स्थिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तो विकास की बातें बेमानी सी लगती है क्योंकि यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज भी अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा है, और अपनी जीर्णोद्धार के लिए टकटकी लगाए किसी बजट का बाट जोहते हुए सोच रहा है कि काश मुझपे भी शासन प्रशासन की नजर पड़ती और मैं भी किसी दुल्हन की तरह सजती।