छत्तीसगढ़ के विभिन्न मांगों पर कियान्वयन बाबत् । संदर्भ कार्यालय ओबीसी महासभा के ज्ञापन कमांक /339 /दिनांक 15.06.2022 कार्यालय ओबीसी महासभा के ज्ञापन कमांक /266/दिनांक 22.07.2022 द्वारा – कलेक्टर / अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार कार्यालय महोदय जी उपरोक्त विषयांतर्गत निवेदन है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की आजादी के बाद से आज तक देश – प्रदेश के विकास एवं आर्थिक रूप से देश की अर्थव्यवस्था में। “रीढ़ की हड्डी” की तरह अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग की लगभग 50 प्रतिशत आबादी निवासरत है, साथ ही वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं गृहमंत्री भी ओबीसी में आते है।
समान परिस्थितियों के बावजूद भी ओबीसी के लोंगों, युवाओं एवं छात्र-छात्राओं के हितों पर लगातार कुठारघात किया जा रहा है। ओबीसी के उत्तरोत्तर उत्थान एवं प्रगति हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु बिन्दुवार मांग निम्नानुसार है राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना प्रपत्र के कॉलम नं. 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नं. तथा सामान्य के लिए कोड नं. 04 शामिल किये जाने हेतु राज्य विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने का अनुरोध है। । 2 केन्द्र के समान छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किये जाने के अनुरोध है। छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी एक नवम्बर से किये जाने का अनुरोध है ताकि छोटे किसानों के पास धान के भण्डारण हेतु स्थानाभाव के कारण होने वाले संभावित नुकसान से बचा जा छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में ओबीसी के लिए (पोस्ट/प्री-मैट्रिक) संचालित छात्रावास पर्याप्त नहीं है। अतः प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय में छात्रावास संचालित किये जाने का अनुरोध है, ताकि बच्चों में शैक्षणिक विकास का रास्ता प्रशक्त हो सके। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में ओबीसी के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण लागू है। अतः इसके अनुरूप वार्षिक कुल बजट में भी 14 प्रतिशत का प्रावधान ओबीसी के लिए किये जाने का अनुरोध है।
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