स्थल निर्माण में करोड़ों फूंके फिर भी अंधेरा और विर
जगदलपुर नगर निगम जगदलपुर कांग्रेसियों के कब्जे में है लेकिन सिविल लाईन वार्ड में स्थित ऐतिहासिक जवाहर मंच उपेक्षित पड़ा है जिसके कारण लोगों में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। जब सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी अपने पार्टी के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू के मंच को संवार नहीं पा रही है तो फिर वह अन्य स्मारकों को कैसे संवर्धन करेगा। *ज्ञात हो कि जवाहर मंच को संवारने का ख्याल आया और नगर पालिक निगम और लोक निर्माण विभाग ने मिलकर करोड़ रुपए से अधिक फूंक दिए किंतु जिस उद्देश्य से बनाया गया था वह साकार नहीं हो पाया है।यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका लोकार्पण किया तथा दूसरी बार भेंट मुलाकात कार्यक्रम से इतर जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित किए गए लेकिन उसके बाद विभागीय उदासीनता से यह स्मारक उपेक्षित हो गया है। पौधे सूखे व अंधेरे में डूबे रहने को मजबूर संगमरमर से स्मारक बनाया गया है और पौधे लगाए गए हैं लेकिन वह सुख रहें हैं जिसको देखने वाला कोई नहीं है वहीं शाम को भी यह खुबसूरत लगे लाईट लगाई गई है वह सिर्फ उदघाटन के बंद है जिसको लेकर भी तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। पार्षद से लेकर निगम राज्य सरकार भी कांग्रेसी
यह वार्ड सिविल लाईन वार्ड में आता है और इस वार्ड की पार्षद श्रीमती मोहंती है और निगम की महापौर श्रीमती सफीरा साहू है। विधायक-सांसद सहित बड़े-बड़े नेता भी कांग्रेसी फिर भी जवाहर मंच उपेक्षा का शिकार हो गया हैं। दीपक तले अंधेरा कहावत सटीक पार्षद-महापौर महिला है संभवत: वह शाम को दिखाई नहीं देते हैं लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस स्मारक से कुछ दूरी पर बस्तर संभाग के दो सबसे बड़े अधिकारी आईपीएस पी.सुंदरराज का आवास सह कार्यालय है तो राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग अधिकारी श्याम धावड़े का बंगला है फिर भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर मंच का उपेक्षित होना अपने आप में दीपक तले अंधेरा वाली कहावत है।