जगदलपुर। बस्तर के सुकमा जिले में स्थित प्रदेश के आबकारी मंत्री के विधानसभा क्षेत्र कोंटा के रिगडगेट्टा गांव में ढाई वर्षो में 61 आदिवासियों की मौत किडनी फेल्योर, एनीमिया एवं अन्य बीमारियों से हुई है. इसका खुलासा जांच रिपोर्ट से हुआ है. मेडिकल कॉलेज के डीन ने भी इस बात की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्री के बस्तर प्रवास के दौरान इन ग्रामीणों की मौत का मामला सुर्खियों में रहेगा।
ज्ञातव्य हो कि सुकमा जिलीे के कोंटा विकासखंड के रेगडगट्टा में ढाई वर्षो में 61 ग्रामीणों की मौत का मामला इन दिनों प्रदेशभर में सुर्खियों में है। सीपीआई नेताओं द्वारा मामले की जानकारी सुकमा जिला प्रशासन को दिए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया था और स्वास्थ्य की टीम मामले की पड़ताल करने गांव पहुंची थी। स्वास्थ्य विभाग की पड़ताल में कई खुलासे भी हुए हैं और राजनीतिक दलों ने सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था।
किडनी एवं खून की कमी से गई जान
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पैकरा ने बताया कि डॉक्टरों की टीम रेगडगट्टा में ग्रामीणों की मौत की पड़ताल करने पहुंचा था। पैकरा ने बताया कि डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट के अनुसार आधा दर्जन ग्रामीणों की मौत किडनी की बीमारी से होने का खुलासा हुआ है। कुछ ग्रामीणों की मौत खून की कमी के कारण होने की बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि 4 ग्रामीण ऐसे थे जो आत्महत्या कर अपनी जान गंवा चुके है। पैकरा ने कि खानपान एवं नशीले पदार्थो के सेवन से मौत होने की बात कही।
स्वास्थ्य मंत्री लगाएंगे क्लास