ये क्या हो रहा है बस्तर के शिक्षा विभाग में!

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-पहले जवाइंट डायरेक्टर फिर एक विद्यार्थी की अकाल मौत-
-प्रभारी प्रधान पाठक का निलंबन कर मामले को सलटा लिया डीईओ ने-
-दोनों मामलों की गहराई से जांच क्यों नहीं कराई जा रही?

जगदलपुर। बस्तर जिले के शिक्षा विभाग में पिछले कुछ अरसे से जो कुछ घटित हो रहा है उसने पालकों के साथ ही विभागीय कर्मचारियों को भी चिंता में डाल दिया है. ऐसी घटनाओं से जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि अफसर ऐसे मामलों की गहराई से जांच क्यों नहीं कराते, सिर्फ निलंबन की कार्यवाही कर मामले को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया जाता है?

बुरुंदवाड़ा सेमरा में चार दिन पहले शाला अवधि के दौरान दूसरी कक्षा के एक विद्यार्थी की गड्डे में डूबकर हुई मौत के मामले में स्कूल की प्रभारी प्रधान पठिका शालिनी राव पर कार्यवाही करते हुए उन्हें ब्लाक शिक्षा कार्यालय में अटैच कर दिया गया है, लेकिन इस संवेदनशील मामले की विभागीय जांच होगी या जिम्मेदार लोगों को यूं ही बख्श दिया जाएगा. क़ुछ ऐसे ही सवाल जनमानस में तैर रहें हैं। प्रभारी प्रधान पाठिका पर कार्रवाई का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने जारी किया है. आदेश में मामले की जांच की बात कहीं नहीं लिखी गई है, जिसके कारण आदेश ही सवालों के घेरे में है।
जगदलपुर खंड शिक्षा कार्यालय के अधीनस्थ प्राथमिक विद्यालय बुरुंदवाड़ा सेमरा के एक बच्चे की 12 सितम्बर 2022 को एक गड्डे में डूबकर मौत हो गई थी। यह वाकिया तब घटित हुआ जब सोमवार को दोपहर भोजन अवकाश के दौरान छात्र चंद्रशेखर बिसाई खेलते – खेलते मुरुम के गड्ढे में चला गया. छात्र की लाश वहां उसी गड्ढे में पाई गई थी.

सवालों के घेरे में डीईओ

इस घटनाक्रम के बाद बुरुंदवाड़ा ग्राम के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे तथा घटना के लिए सीधे तौर पर पूरे स्कूल स्टॉफ को जिम्मेदार ठहराते हुए सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते रहे. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रधान ने मामले को दबाते हुए सिर्फ निलंबन की कार्यवाही का आदेश जारी किया जबकि इस मामले में विभागीय जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित करना था. ऐसा नहीं किया गया. जिसके कारण अब जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं सवालों के घेरे में आ गई हैं.

राज बना हुआ है अफसर की मौत

पूर्व में भी शिक्षा विभाग के एक अफसर की ऐसी ही विषम परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. इस मौत पर से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है. सूत्रों के मुताबिक एक जिला शिक्षा अधिकारी और उनके प्रश्रयदाता क़ुछ लोगों की मनमानी तथा नियम विरुद्ध कार्यों की वजह से उक्त अफसर मानसिक रूप से बेहद परेशान चल रहे थे.