सुकमा में हरा सोना के नाम पर लूट

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ख़रीदा गया 40 लाख गड्डी तेन्दूपत्ता, विभाग को दी 11 लाख गड्डी खरीदी की जानकारी ऊंची कीमत पर बेचकर उड़ीसा भेज दिया गया हजारों बोरा तेन्दूपत्ता
जगदलपुर/सुकमा। सुकमा वन मंडल के कोंटा वन परिक्षेत्र में तेंदूपत्ता खरीदी में भारी घपलेबाजी कर ठेकेदारों ने शासन को लाखों के राजस्व की लगाई चपत लगा दी है। तीन समितियों में हुए घालमेल में एर्राबोर समिति के द्वारा की गई खरीदी पर नजर डालें तो लगभग 10 फड़ों में 40 लाख 64 हजार 124 गड्डी तेंदूपत्ता की वास्तविक खरीदी कर विभाग को 11 लाख 57 हजार 8 सौ गाड़ी खरीदी की जानकारी भेजी गई। 29 लाख 63 हजार गड्डी यानि की हजारों मानक बोरा तेंदूपत्ता उड़ीसा में पार कर दिया गया । एक समिति में हुए घालमेल के आंकड़ों पर नजर डालें तो शासन को डेढ़ करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान होने की खबर है। 4 हजार रूपए मानक बोरा खरीदी कर 10 हजार रूपए मानक बोरा की दर से बिक्री किए जाने की जानकारी विभागीय सूत्रों से मिली है। उक्त तेंदूपत्ता का संग्रहण शासकीय रिकार्ड में दर्ज होता तो शासन को इसका राजस्व प्राप्त होता। खबर है कि शासन को मिलने वाले राजस्व को ठेकेदार आपस में विभागीय अधिकारियों एवं प्रबंधन से सांठगांठ कर डकार गये। विभाग के अधिकारी अब जांच के नाम पर खानापूर्ति कर ऐसे दोषियों को क्लिनचीट देन की तैयारी में है। पुलिसिया जांच में ढिलाई के कारण ठेकेदार सलाखों से बाहर आ चुके हे। ज्ञातव्य हो कि सुकमा वन मंडल के कोंटा वन परिक्षेत्र एर्राबोर समिति अ और ब एवं कोंटा समिति अ में भ्रष्टाचार करते हुए हजारों बोरा तेंदूपत्ता खरीदी उड़ीसा पार किया जा चुका है। मामला उजागर होने के बाद भी जांच दल मुकाम तक नहीं पहुंच पाया है। ऐसी खबर है कि जांच में लीपापोती कर दोषियों को बचाने की साजिश रची जा चुकी है। जांच निष्पक्ष हुई तो प्रबंधक, पोषक अधिकारी एवं विभाग के अधिकारी पर गाज गिर सकती है लेकिन इन्हे बचाने मामले पर पर्दा डालने तथा राजनीतिक आकाओ से भी दबाव बनाये जाने की खबर है।
शासन को डेढ़ करोड़ की चपत विभागीय सूत्रों एवं फड़ मुंशी से जानकारी मिली है कि एर्राबोर के अधीन लगभग 10 समितियों में 8 हजार से अधिक संग्राहकों से 40 लाख 64 हजार गड्डी तेंदूपत्ता की वास्तविक खरीदी की गई थी, जिसका भुगतान 1 करोड़ 62 लाख 56 हजार रु. किया जाना था। ठेकेदारों ने विभागीय अधिकारी से सांठगांठ कर वास्तविक खरीदी न दिखाकर विभाग को 11 लाख 57 हजार 8 सौ गड्डी खरीदी का आंकड़ा दिखाया है। इस तरह 29 लाख से अधिक गड्डी का घालमेल किया जा चुका है जो 5 हजार मानक बोरा से अधिक है और उसे दीगर प्रांतों में ठिकाने लगाया ला चुका है। जानकारी के अनुसार 4 रूप्ए की दर से खरीदा गया हरा सोना 10 रूपए गड्डी की दर से बिक्री होने की खबर है जिसमें 6 रूपए शासन को लाभ प्राप्त हुआ है। खरीदी का वास्तविक आंकड़ा शासकीय रिकार्ड में दर्ज होता तो शासन को डेढ़ करोड़ से अधिक का लाभा प्राप्त होता। यह सिर्फ एक समिति का आंकड़ा है इन तीन समितियों की निष्पक्ष जांच हुई तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। निकासी में किसका संरक्षण
कोंटा वन परिक्षेत्र में खरीदा गया 10 हजार से अधिक मानक बोरा तेंदूपत्ता उड़ीसा ठेकेदारों द्वारा पार किया जा चुका है। जांच का विषय है कि किसके संरक्षण में भारी संख्या में हरा सोना उड़ीसा पार कराया गया । जांच दल उनके खिलाफ कार्रवाई कर पायेगी या फिर अन्य मामलों की जांच की तरह जांच रिपोर्ट फाइलों में ही दबकर रह जाएगी? विभाग द्वारा 4 हजार मानक बोरा हरा सोना मलकानगिरी में जब्त किया जा चुका है। जिसे बस्तर लाने में वन विभाग के पसीने छूटने लगे हैं । जब्त किया गया 8 सौ मानक बोरा तेंदूपत्ता ही लाया जा सका है।
गुणवत्ता में भिन्नता भी
मलकानगिरी में ठेकेदारों द्वारा गोदामों में रखवाए गए तेंदूपत्ता की जांच की जाये तो अन्य गोदामों से तेंदूपत्ता की बरामदगी हो सकती है। सुकमा वन मंडल में 52 पत्तों की गड्डी तैयार की जाती है और 1 मानक बोरा में 6 सौ गड्डी की भर्ती की जाती है। यहां का पत्ता मोटे आकार का होता है। उड़ीसा के संग्राहकों द्वारा 42 पत्तों की गड्डी बनाई जाती है। 8 सौ गड्डियों की भराई एक बोरे में की जाती है. मामले की निष्पक्ष जांच होने पर बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता हे। ठेकेदारों द्वारा समर्थन मूल्य से 1 रूपए 25 पैसा संग्राहकों को देने का वादा किया गया था जो अप्राप्त है। चल रही है जांच प्रक्रिया
सुकमा डीएफओ ने बताया कि सभी संग्राहकों को बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है। तेंदूपत्ता खरीदी में हुए भ्रष्टाचार की जांच चल रही है जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।