शीश स्वतः झुक जाता है बस्तर की इस “देवी ” के आगे पाना, पेंचिस को हथियार बना किया गरीबी-भुखमरी के असुर का संहार

0
70


नई पीढ़ी की युवतियों और महिलाओं के लिए रोल मॉडल है हेमवती बस्तर की पहली ऑटो मेकेनिक है यह आदिवासी महिला
अर्जुन शीश स्वतः झुक जाता है बस्तर की इस “देवी ” के आगे पाना, पेंचिस को हथियार बना किया गरीबी-भुखमरी के असुर का संहार नई पीढ़ी की युवतियों और महिलाओं के लिए रोल मॉडल है हेमवती बस्तर की पहली ऑटो मेकेनिक है यह आदिवासी महिला

अर्जुन झा

बकावंड जगदलपुर : नारी को देवी और शक्ति का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है. आदिकाल से देवी तुल्य मानते आ रहे हैं हम नारी को . इसके पीछे कुछ तो वजह होगी ? वजह हमें नारी के स्वभाव, आचरण, व्यवहार और कार्यों में साफ नज़र आ जाती है. देवी पार्वती की तरह नारी के चेहरे और आंखों से ममता तथा वात्सल्य बरसता है, तो माता दुर्गा जी की तरह विपदाओं तथा बुराई रूपी असुरों से लड़ने की शक्ति भी परिलक्षित होती है. कुछ ऐसी शक्ति स्वरूपा छवि बस्तर की नारी हेमवती नाग में भी नज़र आती है, जिसने पाना, पेंचिस जैसे औजारों को हथियार बनाकर गरीबी और भुखमरी रूपी असुर का संहार किया है.

अपनी काबिलियत के दम पर हेमवती आज बस्तर की अन्य युवतियों तथा महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत और उनका रोल मॉडल बन चुकी है. ऑटो रिपेयरिंग का कार्य करने वाली यह महिला तो पुरुषों को भी ऑटो रिपेयरिंग वाला काम सिखाती है. लोगों का शीश स्वतः झुक जाता है बस्तर की इस “देवी” के आगे. बस्तर ब्लाक गांव रेटावंड निवासी आदिवासी महिला हेमवती नाग ऑटो मैकेनिक का काम कर ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन चुकी है, बल्कि अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रही है. वह बस्तर संभाग में ऑटो मेकेनिक का काम करने पहली महिला है. हेमवती नई पीढ़ी की युवतियों और महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत तथा रोल मॉडल से कतई कम नहीं है.

वहीं उसका हौसला उन पुरुषों और युवकों के गाल पर तमाचा मारता सा प्रतीत होता है, जो अक्सर बेरोजगारी का रोना रोते रहते हैं. इंसान अगर पूरे जज्बे के साथ कोई भी पेशा अपना ले तो वह हेमवती की तरह ही सम्मान और सुखपूर्वक जीवन निर्वाह कर सकता है. हेमवती नाग ने आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और कम उम्र में ही कुछ कर दिखाने की ठान ली. उसने ऑटो रिपेयरिंग के क्षेत्र में कदम रखा और सीखते- सीखते इस काम में पारंगत हो गई. शुरू-शुरू में वह सिर्फ मोटर सायकिलों की रिपेयरिंग का काम करती रही. फिर थोड़ी आमदनी बढ़ने पर उसने ऑटो पार्ट्स की छोटी सी दुकान भी ऑटो वर्कशॉप में ही खोल ली. आज उसकी दुकान और ऑटो वर्कशॉप चल पड़ी है. मोटर सायकलों की तकनिकी खराबियों को चंद मिनटों में ही दूर कर लेने की हेमवती की काबिलियत ने उसे अंचल में खासी प्रसिद्धि दिला दी और आज आलम यह है कि उसकी वर्कशॉप में मरम्मत के लिए बाईक लेकर पहुंचने वालों की लाईन लगी रहती है। सुखद अनुभूति देने वाली बात यह है कि हेमवती ने कई युवकों को भी ऑटो रिपेयरिंग के काम में प्रशिक्षित कर दिया है. इनमें से कुछ युवक तो हेमवती की वर्कशॉप में ही काम कर बेहतर ढंग से अपना जीवन यापन कर रहे हैं. हेमवती नाग कहती है कि बाइक रिपेयरिंग के क्षेत्र में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि पुरुष वर्ग का इस सेक्टर में दबदबा रहा है। मगर हेमवती जज्बा और हौसला उसके क़दमों को लगातार आगे बढ़ाते रहे. इसी हौसले और जज्बे के दम पर हेमवती आज इस मुकाम तक़ पहुंच पाई है. अपने इस पेशे से वह इतना कमा लेती है कि किसी भी चीज के लिए उसे मोहताज होना नहीं पड़ता तथा दूसरों के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता. अपनी रोज की आय से वह कुछ आर्थिक बचत भी कर लेती है. हेमवती की काम के प्रति लगन एवं कर्मनिष्ठा को देख हर किसी का सिर उसके सामने श्रद्धा और सम्मानपूर्वक झुक जाता है. तीन बच्चों की मां है यह मातृशक्ति हेमवती ने बताया कि शुरुआती दौर में कुछ लोगों ने यह कहते हुए उसे हतोत्साहित करने की कोशिश भी की कि मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का काम आसान नहीं है, इसमें काफी मेहनत और ताकत लगती है। हेमवती ऐसे लोगों की बातों को नजरअंदाज कर अपने काम में लगी रही और अब वह इस कार्य में किसी भी मायने में पुरुषों से कतई कमतर नहीं है.:हेमवती नाग तीन बच्चों की मां है और सबसे छोटा बच्चा दो महीने का है. वह एक मां और पालनहार की भूमिका अच्छे ढंग से निभा रही है. युवतियों को दिलाएंगे ट्रेनिंग: बैज हेमवती नाग के हौसले और जज्बे से बेहद प्रभावित बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा है कि हेमवती सचमुच वंदनीय और शक्ति स्वरूपा है. बस्तर की हर युवती और महिला को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. श्री बैज ने कहा कि वे हेमवती को और आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करेंगे. इसके साथ ही उनकी वर्कशॉप में बस्तर की अन्य युवतियों को प्रशिक्षण दिलाने का भी प्रयास करेंगे.


बकावंड जगदलपुर. नारी को देवी और शक्ति का दर्जा यूं ही नहीं दिया गया है. आदिकाल से देवी तुल्य मानते आ रहे हैं हम नारी को . इसके पीछे कुछ तो वजह होगी ? वजह हमें नारी के स्वभाव, आचरण, व्यवहार और कार्यों में साफ नज़र आ जाती है. देवी पार्वती की तरह नारी के चेहरे और आंखों से ममता तथा वात्सल्य बरसता है, तो माता दुर्गा जी की तरह विपदाओं तथा बुराई रूपी असुरों से लड़ने की शक्ति भी परिलक्षित होती है. कुछ ऐसी शक्ति स्वरूपा छवि बस्तर की नारी हेमवती नाग में भी नज़र आती है, जिसने पाना, पेंचिस जैसे औजारों को हथियार बनाकर गरीबी और भुखमरी रूपी असुर का संहार किया है. अपनी काबिलियत के दम पर हेमवती आज बस्तर की अन्य युवतियों तथा महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत और उनका रोल मॉडल बन चुकी है. ऑटो रिपेयरिंग का कार्य करने वाली यह महिला तो पुरुषों को भी ऑटो रिपेयरिंग वाला काम सिखाती है. लोगों का शीश स्वतः झुक जाता है बस्तर की इस “देवी” के आगे.
बस्तर ब्लाक गांव रेटावंड निवासी आदिवासी महिला हेमवती नाग ऑटो मैकेनिक का काम कर ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन चुकी है, बल्कि अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रही है. वह बस्तर संभाग में ऑटो मेकेनिक का काम करने पहली महिला है. हेमवती नई पीढ़ी की युवतियों और महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत तथा रोल मॉडल से कतई कम नहीं है. वहीं उसका हौसला उन पुरुषों और युवकों के गाल पर तमाचा मारता सा प्रतीत होता है, जो अक्सर बेरोजगारी का रोना रोते रहते हैं. इंसान अगर पूरे जज्बे के साथ कोई भी पेशा अपना ले तो वह हेमवती की तरह ही सम्मान और सुखपूर्वक जीवन निर्वाह कर सकता है. हेमवती नाग ने आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और कम उम्र में ही कुछ कर दिखाने की ठान ली. उसने ऑटो रिपेयरिंग के क्षेत्र में कदम रखा और सीखते- सीखते इस काम में पारंगत हो गई. शुरू-शुरू में वह सिर्फ मोटर सायकिलों की रिपेयरिंग का काम करती रही. फिर थोड़ी आमदनी बढ़ने पर उसने ऑटो पार्ट्स की छोटी सी दुकान भी ऑटो वर्कशॉप में ही खोल ली. आज उसकी दुकान और ऑटो वर्कशॉप चल पड़ी है. मोटर सायकलों की तकनिकी खराबियों को चंद मिनटों में ही दूर कर लेने की हेमवती की काबिलियत ने उसे अंचल में खासी प्रसिद्धि दिला दी और आज आलम यह है कि उसकी वर्कशॉप में मरम्मत के लिए बाईक लेकर पहुंचने वालों की लाईन लगी रहती है। सुखद अनुभूति देने वाली बात यह है कि हेमवती ने कई युवकों को भी ऑटो रिपेयरिंग के काम में प्रशिक्षित कर दिया है. इनमें से कुछ युवक तो हेमवती की वर्कशॉप में ही काम कर बेहतर ढंग से अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
हेमवती नाग कहती है कि बाइक रिपेयरिंग के क्षेत्र में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि पुरुष वर्ग का इस सेक्टर में दबदबा रहा है। मगर हेमवती जज्बा और हौसला उसके क़दमों को लगातार आगे बढ़ाते रहे. इसी हौसले और जज्बे के दम पर हेमवती आज इस मुकाम तक़ पहुंच पाई है. अपने इस पेशे से वह इतना कमा लेती है कि किसी भी चीज के लिए उसे मोहताज होना नहीं पड़ता तथा दूसरों के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता. अपनी रोज की आय से वह कुछ आर्थिक बचत भी कर लेती है. हेमवती की काम के प्रति लगन एवं कर्मनिष्ठा को देख हर किसी का सिर उसके सामने श्रद्धा और सम्मान
पूर्वक झुक जाता है.
तीन बच्चों की मां है यह मातृशक्ति
हेमवती ने बताया कि शुरुआती दौर में कुछ लोगों ने यह कहते हुए उसे हतोत्साहित करने की कोशिश भी की कि मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का काम आसान नहीं है, इसमें काफी मेहनत और ताकत लगती है। हेमवती ऐसे लोगों की बातों को नजरअंदाज कर अपने काम में लगी रही और अब वह इस कार्य में किसी भी मायने में पुरुषों से कतई कमतर नहीं है.:हेमवती नाग तीन बच्चों की मां है और सबसे छोटा बच्चा दो महीने का है. वह एक मां और पालनहार की भूमिका अच्छे ढंग से निभा रही है.
युवतियों को दिलाएंगे ट्रेनिंग: बैज
हेमवती नाग के हौसले और जज्बे से बेहद प्रभावित बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा है कि हेमवती सचमुच वंदनीय और शक्ति स्वरूपा है. बस्तर की हर युवती और महिला को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. श्री बैज ने कहा कि वे हेमवती को और आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करेंगे. इसके साथ ही उनकी वर्कशॉप में बस्तर की अन्य युवतियों को प्रशिक्षण दिलाने का भी प्रयास करेंगे.