ग़फ़लत में डीईओ की भी सहभागिता

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  • आर्थिक गड़बड़ी के लिए अकेले बीईओ ही जिम्मेदार नहीं
  • अपनी खाल बचाने मातहतों को बनाया जा रहा है बलि का बकरा


जगदलपुर. शिक्षा विभाग में हुई आर्थिक गड़बड़ियों के लिए अकेले विकास खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता. वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण के बगैर कोई भी कनिष्ठ अधिकारी इतनी बड़ी आर्थिक अनियमितता को अंजाम नहीं दे सकता. इस लिहाज से विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई ग़फ़लतबाजी में जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी जांच के दायरे में आनी चाहिए. जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अकेले बीईओ को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
विकास खंड बस्तर में शिक्षा विभाग को विभिन्न मदों से प्राप्त राशि को मनमाने ढंग से खर्च किए जाने व गड़बड़ी की जाने की शिकायत सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा संचालक ने जांच के आदेश जारी करते हुए हाई लेवल की एक जांच कमेटी भी बना दी है. जांच कमेटी को 15अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. जांच कमेटी में शिक्षा संचालनालय के चार वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. इस संबंध में संचालक द्वारा जारी परिपत्र में साफ लिखा है कि खंड शिक्षा अधिकारी की वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच की जानी है. साफ जाहिर है कि विभाग गड़बड़ियों के लिए अकेले बीईओ को ही जांच के दायरे में रख रहा है. जबकि इतनी बड़ी अनियमितता को कोई भी कनिष्ठ अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण के बगैर अंजाम देने का दुस्साहस नहीं कर सकता. विकास खंड शिक्षा विभाग में हुई गफलतबाज़ी में भी अकेले विकास खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार ठहराना न्यायसंगत हरगिज नहीं होगा. बल्कि इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को भी जांच के दायरे में लिया जाना चाहिए. चर्चा है कि इस प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी की भी भूमिका रही है. अकेले बीईओ को बलि का बकरा बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा खुद का बचाव किया जा रहा है. लोगों ने जांच दल से मांग की है कि मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को भी बराबर का जिम्मेदार मानते हुए उनकी भी भूमिका की जांच की जाए.