बस्तर दशहरा में मुस्तैद रही पुलिस

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  • विघ्नसंतोषियों को रास नहीं आई पुलिस की कड़ाई, कर रहे बुराई
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कर चुके हैं व्यवस्था की जमकर सराहना


जगदलपुर. कोरोना काल में विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा दो साल तक फीके माहौल में निपटा. इस साल बीते दो सालों की भरपाई हो गई. बस्तर दशहरा इस बार बड़े ही धूमधाम से और अभूतपूर्व शांति व्यवस्था के बीच निपटा. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी – कर्मचारियों तथा आयोजन समिति के लोगों ने दिन रात कड़ी मेहनत कर शांति व्यवस्था बनाए रखने में योगदान दिया. बस्तर दशहरा के अंतिम दिन के कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ऐसी व्यवस्था से अभिभूत होकर लौटे.
बस्तर का दशहरा पूरी दुनिया में मशहूर है. दशहरा की परंपरा,रीति रिवाज, आकर्षण, उल्लास, आदिवासियों की जीवनशैली, राज्य और देश के विभिन्न राज्यों के कला संस्कृति प्रेमियों के साथ ही विदेशी पर्यटकों को भी जगदलपुर बस्तर आने के लिए मजबूर कर देती हैं. बस्तर दशहरा का आकर्षण ही ऐसा है कि इस उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में विदेशियों का भी आगमन होता है. कोरोना के चलते दो सालों तक बस्तर दशहरा फीका फीका सा गुजरा. इस साल यह आयोजन बड़े ही भव्य रूप से संपन्न हुआ. पूरे एक माह तक चलने वाले बस्तर दशहरा को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने में जिला प्रशासन, जिला पुलिस बल और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों ने महति भूमिका निभाई. विशेष कर कोतवाली थाना के अधिकारियों और जवानों की इस व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान रहा. रथयात्रा और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा का आवागमन कोतवाली थाना क्षेत्र के ही ज्यादातर रास्तों से ही होता है. बस्तर दशहरा से जुड़े अधिकतर कार्यक्रम कोतवाली थाना क्षेत्र में ही निपटते हैं. इसलिए इस पुलिस थाने के अधिकारी कर्मचारियों को विशेष रूप से चौकस रहना पड़ता है. इस साल के आयोजन में भी कोतवाली थाना प्रभारी अपनी पूरी टीम के साथ माहभर तक मुस्तैद रहकर बस्तर दशहरा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जी जान से जुटे रहे. बस्तर के सांसद एवं दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने आखिरी दिन बस्तर दशहरा को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने तथा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए न केवल पुलिस और जिला प्रशासन की दिल खोलकर तारीफ की, बल्कि पुलिस व प्रशासन के सभी अधिकारी – कर्मचारियों के प्रति आभार भी प्रकट किया. वहीं बस्तर दशहरा की समापन बेला में अंतिम दिन के कार्यक्रम में शामिल होने जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शांति व्यवस्था के साथ अन्य व्यवस्थाओं की सराहना की थी. बाहर से आए पर्यटक भी व्यवस्थाओं से पूरी तरह संतुष्ट होकर लौटे.
जिन्हें अमन पसंद नहीं, वे दोष तो मढ़ेंगे ही
बस्तर दशहरा के दौरान पूरे महीने भर तक छिटपुट मामलों को छोड़ दें कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई. इसके लिए पुलिस प्रशासन खासकर कोतवाली पुलिस को दाद देनी चाहिए. लेकिन कुछ ऐसे तत्व, जिन्हें अमन पसंद नहीं है, वे मीनमेख निकालकर कोतवाली पुलिस की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. ऐसा करके ये तत्व बस्तर दशहरा की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहे हैं. बताते हैं कि रथयात्रा के दौरान रथ खींचने वाले आदिवासी दैवीय शक्ति के प्रति आस्था में इस कदर लीन हो जाते हैं कि बेसुध होकर इधर उधर भागने लगते हैं और जो भी महिला, पुरुष या बच्चे सामने आ जाते हैं, उन्हें झींझोड़ने लग जाते हैं. ऐसा हर साल होता है. इस साल भी यही हुआ. इसे ही आधार बनाकर बस्तर पुलिस के खिलाफ दुष्प्रचार की कड़ी आलोचना की है.