- प्रशासनिक ढिलाई से भू माफिया के हौसले बुलंद
-अमरेश झा-
कोंडागांव जिला मुख्यालय कोंडागांव सहित आसपास के क्षेत्रों में कृषि भूमि व शासकीय भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर बिना डायवर्सन के खरीद बिक्री करने का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है। अवैध प्लाटिंग कर जमीन को ऊंचे दामों में बिक्री करने वाले भू माफियाओं पर प्रशासनिक शिकंजा नहीं कसे जाने से भू उनके हौसले बुलंद हैं।
बता दें कि जिला मुख्यालय कोंडागांव व आसपास के क्षेत्र में कालोनाइजर एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए भू माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि भूमि व नजूल शासकीय भूमि को बिना डायवर्सन कराए प्लाटिंग कर बेच दिया जा रहा है।
जमीन खरीदी बिक्री में लगे लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कृषि भूमि को प्लाटिंग करने के लिए हाईवे के नाले को ही पाट दिया गया है। ताजा मामला कोंडागांव से लगे नारंगी मुक्तिधाम के पास एनएच 30 में निर्माणाधीन बाईपास मार्ग के समीप कृषि भूमि को प्लाटिंग कर बेचने की फिराक में जमीन के कार्य में लगे कारोबारियों ने उक्त कृषि भूमि से होकर गुजरने वाले नाले के पुलिया को ही हाईवे के दोनों ओर से बंद करके मिट्टी पाट दिया है।मामले का खुलासा तब हुआ जब लगातार के बारिश में पानी अपने प्राकृतिक नाले के दिशा में न बहकर पानी का भारी जमाव होने लगा। इसके बाद आनन फानन में जेसीबी लगाकर उक्त खेतो में डाली गई मिट्टी को हटाकर नाले को क्लीयर करते हाइवे के रपटे को भी क्लीयर किया गया। जिससे नेशनल हाईवे की सड़क भी क्षतिग्रस्त होने से बच गई। उक्त मिट्टी पटाव के चलते अगर हाईवे क्षतिग्रस्त होता तो उक्त सड़क में किसी दुर्घटना की संभावना से से भी इनकार नहीं किया जा सकता था।
कृषि भूमि पर भी नजर
खेती की जमीन सिर्फ खेती किसानी के लिए ही होती है, लेकिन नियमों को ताक पर रख कर खेतों मेँ भी प्लाट के टुकड़े काट दिए गए हैं। जमीन कारोबार से जुड़े लोग व राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों के सहयोग से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। आपसी सांठगांठ से खेतों को प्लॉट में तब्दील किया जा रहा है। खेती की जमीन को कोई भी खरीद तो सकता है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ खेती के लिए ही किया जा सकता है।कृषि की जमीन का उपयोग कॉलोनी विकास या अन्य कार्यों के लिए नहीं किया जा सकता। जमीन की खरीद बिक्री में अवैध प्लाटिंग कर भू माफिया मालामाल हो रहे है। कम पढ़े लिखे किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है। इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं है। इसके चलते भू माफिया खुद ही मुरुम की सड़क बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं। इसकी प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना कई संदेह को जन्म देता है।
नप जाएंगे कई अधिकारी अगर मामले की अगर निष्पक्ष जांच की गई तो कई पटवारी व अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। दैनिक श्रमबिंदु की पड़ताल में जानकारी मिली कि कोंडागांव से लगे नेशनल हाइवे 30 से सटे खसरा नबर 197 /6 व आसपास की खेती भूमि को जमीन के व्यापारियों के द्वारा मिट्टी डाल कर ऊंचा कर दिया गया है साथ ही हाइवे सड़क के नाले और पुलिया को भी पाट दिया गया गया है। पूछने पर राजस्व विभाग के पटवारी ने बताया कि उक्त भूमि जागेश्वर देवांगन व समीप की भूमि खसरा न.197/1 राधाबाई के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। वहीं आसपास के किसानों ने बताया कि हाईवे सड़क से लगी दोनों ओर की खेती जमीन को किसी जमीन व्यापारी ने खरीद लिया है व खेत पर मिट्टी फीलिंग कर हाइवे के पुलिया को भी पाट दिया है। लगातार बारिश के चलते जब नाले का पानी पास नहीं हो सका तो हो खेतो में भारी मात्रा मे पानी के जमाव के चलते आनन-फानन में नाला को क्लियर कर पुलिया से जेसीबी लगाकर मिट्टी हटवाई गई।