- एबीवीपी ने पदोन्नति – पदस्थापना में वसूली की जांच की मांग उठाई
- ज्वाइंट डायरेक्टर की मौत को बताया संदेहास्पद, सौंपा ज्ञापन
जगदलपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि जिले में पदस्थ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अवैध तरीके से धन उगाही के लिए विभाग को चारागाह बना लिया है. विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. परिषद ने कहा है कि शिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना में की गई अवैध वसूली की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच तथा भ्रष्ट अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक प्रतिनिधि मंडल ने परिषद के जिला संयोजक वरुण साहनी के नेतृत्व में बस्तर जिले के शिक्षा विभाग के अधीन शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना में हुए भ्रष्टाचार की जांच और इस कृत्य में शामिल अधिकारी – कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को शालेय शिक्षा मंत्री एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा |
परिषद के जिला संयोजक वरुण साहनी ने कहा है कि लगातार खबरें सामने आ रही हैं कि शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना में विभाग के अफसरों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. इस कृत्य में जिले के अफसर स्कूली शिक्षा विभाग के उच्च अफसर भी शामिल हैं. श्री साहनी ने आरोप लगाया है कि खुद को आदिवासियों का हितैषी बताने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस आदिवासी बहुल क्षेत्र के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके जीवन को अंधकारमय करना चाहती है. लगता है सरकार ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है. अधिकारी बेखौफ़ होकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग में करोड़ों घोटाला बड़े अधिकारी करते हैं और जब भांडा फूटता है, तो उसका ठीकरा बीईओ पर फोड़ दिया जाता है. शिक्षा विभाग को कमाई का जरिया बना लिया गया है. साहनी ने कहा है कि भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ होने के बाद विगत सितंबर माह में शिक्षा विभाग के एक संयुक्त संचालक ने आत्महत्या कर ली थी. जब विवाद बढ़ गया तो जांच कमेटी बैठाई गई है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जिला कलेक्टर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के राजयपाल, स्कूल शिक्षा मंत्री, राज्यपाल एवं मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के नाम ज्ञापन सौंप कर जल्द से जल्द जांच कर जो भी अधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं उन पर सख्त कार्रवाई की मांग कीहै. ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रदेश सह मंत्री निखिल मरावी, जगदलपुर नगर मंत्री यश ध्रुव, शैलेश ध्रुव, लुप्तेश्वर ठाकुर, कमलेश नाग, शंकर शर्मा, रूपसाय बघेल, विशाल कश्यप, प्रेम, उदय ठाकुर बंसी नाग, भरत कश्यप एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.