भाजपा के नेताओ मे यदि थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो आदिवासी समुदाय से मांगे माफी। अपनी गलतियों को छुपाने के लिए भाजपा प्रयास कर रहीं है आदिवासियों के नाम पर बे बुनियाद गंदी राजनीति उचित नही है उक्त बाते आदिवासी नेता एवं विधायक प्रतिनिधि नारायणपुर सालीक बघेल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा उन्होंने सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के विधायक घेराव को राजनीति नौटंकी बता कर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा केवल मुद्दा विहीन राजनीति कर रहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का हितैषी होना बंद करे भाजपा। आज उनकी ही गलती के कारण प्रदेश के आदिवासी समुदाय आरक्षण (प्रतिनिधित्व) से वंचित हुआ है।उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों के ऊपर पिछले 15 साल तक अत्याचार करने चली भाजपा आज आदिवासी समुदाय के साथ होने का ठोंग कर रहीं है और उनके लिए घड़ियाली आंसू बहा रहीं है। भाजपा की लापरवाही के कारण ही आज आदिवासी समाज की ये स्थिति है कि अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सोमवार को विधायक निवास घेराव के पहले सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री केदार कश्यप जी स्वयं कह रहे है कि उच्च न्यायालय मे उनकी ही सरकार ने वर्ष 2011-12 से 2018 तक याचिका पर रोक लगा के रखी थी तो मैं उनसे पूछना चाह रहा हूं कि आप भी उच्च न्यायालय मे अपना वकील भेज सकते थे लेकिन क्यों नहीं भेजा 6-7 साल तक क्या आप फैसला आने का इंतजार कर रहे थे ? आप समाज के सामने ये स्पष्ट कीजिए कि आपके ही गलती के कारण आज आदिवासी समुदाय की ये स्थिति बनी । आज मुद्दाविहिन भाजपा आदिवासियो के नाम पर अपने फायदे के लिए राजनीति कर रहीं है। सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कांग्रेस विधायकों का निवास घेरने से अच्छा अपनी गलती स्वीकार करे भाजपा। जब हमारे कांग्रेस नेताओ के द्वारा विधायक कार्यालय का घेराव के दौरान उनकी तत्कालीन कोर कमेटी के निर्णयों का सरकार की गलतियों से अवगत कराने के लिए साक्ष्य दिया जा रहा था तो उनके जिलाध्यक्ष रूपसिंह मंडावी ने साक्ष्य दस्तावेज लेने से इंकार किया। यदि भारतीय जनता पार्टी के नेताओ मे थोड़ी बहुत नैतिकता और साहस बची है तो प्रदेश के आदिवासी समुदाय से सार्वजनिक तौर से माफी मांगे।