तबादले और पदस्थापना के लिए शिक्षकों की काउंसिलिंग जरुरी

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  • बरती जाएगी पारदर्शिता, शासन के कड़े रुख से ढीले पड़े अधिकारी
  • स्थानांतरण में निःशक्त और महिला वर्ग का रखा जाएगा विशेष ध्यान

जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के प्रायः सभी जिलों में शिक्षकों की पदोन्नति, पदस्थापना और तबादले में हुई गड़बड़ियों को लेकर शासन के कड़े रुख के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों के तेवर ढीले पड़ गए हैं. अब इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते समय पूरी पारदर्शिता बरतने की बात कही जाने लगी है. वहीं तबदले में महिला वर्ग और निःशक्त शिक्षकों का विशेष ध्यान रखे जाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि राज्य के कई जिलों में शिक्षक शिक्षिकाओं की प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति में अधिकारियों द्वारा भारी भर्राशाही और मनमानी की जाने की खबरें सामने आने के बाद शासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. राज्य में जिला स्तर पर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की गई है. बस्तर शिक्षा जिले में भी जिला स्तर पर 1200 शिक्षक – शिक्षिकाओं को पदोन्नत किया गया है. पदोन्नति उपरांत इन शिक्षकों को जहां तहां पोस्टिंग दे दी गई है. चर्चा है कि बस्तर में भी इस प्रक्रिया को पूर्ण करते समय कायदों का ध्यान नहीं रखा गया है. कुछ पीड़ित शिक्षकों ने मामले की शिकायत उच्च स्तर पर की है. विभिन्न जिलों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शासन ने पदोन्नति, पदस्थापना और तबादले में शिक्षक शिक्षिकाओं की काउंसिलिंग अनिवार्य रूप से करने के निर्देश जारी किए हैं. इसी आधार पर संचालक लोक शिक्षण ने इन विभागीय प्रक्रियाओं के लिए कुछ गाइड लाइन तय किए हैं, जिन्हें अमल में लाना जरुरी है. अब योग्यता अनुसार संबंधित शिक्षक शिक्षिकाओं को आमने सामने बिठाकर उनकी काउंसिलिंग की जाएगी. उनके दावे आपत्तियों का निराकरण यथा संभव तुरंत किया जाएगा, तबादले और पदस्थापना में महिला व निःशक्त शिक्षक शिक्षिकाओं को ज्यादा दूर की शालाओं में ना भेजने, वरिष्ठता क्रम का पूरा ध्यान रखने, पति पत्नी को एक ही जगह पदस्थ करने जैसे तथ्यों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. पदोन्नति, पदस्थापना और तबादले तथा युक्तियुक्तकरण की समूची प्रक्रिया को पारदर्शिता पूर्ण ढंग से संपन्न कराया जाएगा. ऐसा करने से निश्चय ही भ्रष्टाचार पर विराम लगेगा.
डीईओ की पेशी 28 को
पदोन्नति, पदस्थापना और तबादले को लेकर प्राप्त शिकायतों के आधार पर संचालक लोक शिक्षण ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को उनके द्वारा जारी संबंधित आदेशों की प्रति तथा शिक्षकों के आवेदनों के साथ अपने कार्यालय में तलब किया है. संचालक कार्यालय में पेशी की यह प्रक्रिया आज 21अक्टूबर से शुरू हो रही है. पहले दिन रायपुर और दुर्ग संभाग के जिला शिक्षा अधिकारियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. वहीं बस्तर और सरगुजा संभाग के जिला शिक्षा अधिकारियों की पेशी 28 अक्टूबर को सुबह 11बजे से होगी.