मनोज मंडावी की धर्मपत्नी सावित्री उतरी भानुप्रतापपुर के रण में

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  • इंडियन नेशनल कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लिया नामांकन फॉर्म
  • स्व. मंडावी की लोकप्रियता और सहानुभूति के दम पर मिलेंगे वोट

अभय शर्मा
कांकेर। कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उप चुनाव की जंग में स्व. मनोज मंडावी की धर्मपत्नी सावित्री मंडावी ने भी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंक दी है। श्रीमती मंडावी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन फॉर्म खरीदा लिया है। उनकी जीत अभी से तय मानी जा रही है। उन्हें दिवंगत विधायक मनोज मंडावी द्वारा क्षेत्र में कराए गए कार्यों तथा मंडावी के असामयिक निधन से लोगों में उपजी सहानुभूति का पूरा लाभ मिलेगा।
भानुप्रातापुर सीट के विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी का बीते दिनों दिल का दौरा पड़ने से अल्पायु में ही निधन हो गया था। उनके निधन से यह सीट खाली हुई है। भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं। नामांकन फॉर्म लेने और जमा करने का दौर अभी चल रहा है। अभी तक किसी भी राजनैतिक दल ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस से स्व. मनोज मंडावी की धर्मपत्नी सावित्री मंडावी का नाम फाइनल माना जा रहा है। सावित्री मंडावी ने सोमवार को इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर अपने लिए नामांकन फॉर्म खरीदा। नामांकन फॉर्म लेने उनके सुपुत्र अमन मंडावी अपने समर्थकों की भीड़ के साथ कांकेर स्थित निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे। समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता निर्वाचन कार्यलय के बाहर स्व. मनोज मंडावी अमर रहे, कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे बुलंद कर रहे थे। समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते बन रहा था। नामांकन फॉर्म खरीदकर अमन मंडावी और कांग्रेस कार्यकर्त्ता नारे लगाते हुए निवास लौटे, जहां स्व. मनोज मंडावी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।
मनोज के जन्मदिन पर लिया फॉर्म
भानुप्रतापपुर क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय रहे युवा नेता मनोज मंडावी का 14 नवंबर को जन्मदिन है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की भी यही जन्मतिथि है, लिहाजा कांग्रेस के लोगों के लिए यह बड़ा ही पवित्र दिन माना जाता है। मनोज मंडावी के परिवार ने भी इस शुभ दिन पर नामांकन फॉर्म खरीदकर चुनावी रणभेरी फूंक दी है। सविता मंडावी ने कहा कि यह दिन मेरे लिए सबसे पावन है, क्योंकि इसी दिन मेरे पति का अवतरण हुआ था। अमन मंडावी ने बताया कि मेरी माताजी सावित्री मंडावी 17 नवंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। इधर मनोज मंडावी के जन्मदिन पर आज सैकड़ों कांग्रेसजनों और आम नागरिकों ने मंडावी निवास पहुंचकर स्व. मनोज मंडावी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान लोगों ने क्षेत्र में फिर से कांग्रेस का परचम लहराने का संकल्प लिया।
पार्टी का निर्णय शिरोधार्य
इस संवाददाता से चर्चा करते हुए सावित्री मंडावी ने कहा कि उन्हें पार्टी नेतृत्व पर पूरा भरोसा है कि टिकट उन्हें ही दिया जाएगा। फिर भी पार्टी जो भी फैसला लेगी वह शिरोधार्य होगा। श्रीमती मंडावी ने कहा कि मेरे पति भानुप्रतापपुर क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति हमेशा समर्पित रहे हैं और दलगत भावना से ऊपर उठकर उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है। उनके अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए ही मैंने इस उप चुनाव में मैदान पर उतरने का फैसला किया है।
लोगों में है पूरी सहानुभूति
मनोज मंडावी ने क्षेत्र के विकास और नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी शिद्दत से काम किया है। क्षेत्र के लोग उनकी कार्यशैली और मिलनसारिता के कायल रहे हैं। मनोज मंडावी के असामयिक निधन से क्षेत्रवासी अभी भी शोकमग्न हैं। मंडावी परिवार के प्रति उनकी पूरी सहानुभूति है। मनोज मंडावी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके अल्पायु में निधन से गांव – गांव में शोक और सहानुभूति की लहर अब तक चल रही है। आम मतदाताओं का मानना है कि मनोज मंडावी के मिशन को उनकी धर्मपत्नी सावित्री मंडावी ही आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। मंडावी द्वारा कराए गए कार्यों और मंडावी परिवार के प्रति उपजी सहानुभूति को देखते हुए अभी से लगने लगा है कि सावित्री मंडावी की उम्मीदवारी कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगी।