राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस (इंटक) 2 दिसंबर को प्रस्तावित विरोध दिवस पर अपनी आवाज बुलंद कर मजदूरों को जागरूक करने का आह्वान

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केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने भारत सरकार के श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव जी को पत्र लिखकर भारत के मेहनतकश मजदूरों एवं कामगार वर्ग से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने और राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के द्वारा सुपुर्द मांग पत्र पर विचार विमर्श कर आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इस संबंध में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के अध्यक्ष डॉक्टर जी. संजीवा रेड्डी, पूर्व सांसद की अध्यक्षता में नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में पारित प्रस्ताव से भारत सरकार को अवगत कराया गया है।

देश के किसान एवं कामगार वर्ग में मोदी सरकार की श्रम विरोधी, जन विरोधी नीतियों, बेरोजगारी, महंगाई तथा देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के प्रति आक्रोश है। वर्तमान केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रही है, इसलिए सभी श्रमिक संगठनों ने 2 दिसंबर 2022 को राष्ट्रीय स्तर पर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। साथ ही 26 नवंबर 2022 को देश के सभी राज्यों के राज भवनों तक होने वाले किसान मार्च का समर्थन करने का फैसला भी लिया गया है । ज्ञात हो कि संपूर्ण देश के किसान सभी राज्यों के राज भवन पर इस दिन किसान मार्च करने जा रहे हैं, हमें इस बात का समर्थन करना है।

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वर्तमान केंद्र सरकार पर देश के कामगार वर्ग को भरोसा नहीं है क्योंकि इनकी नीतियां जनविरोधी और मजदूर विरोधी है, जिससे राष्ट्र को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है, कामगार वर्ग सरकार की बदनियति से तबाह है।

वर्तमान केंद्र सरकार ने 44 लेबर कोड को स्थगित करते हुए 4 नए लेबर कोड बनाए हैं तथा राज्य की सरकारों पर इन चार लेबर कोड को लागू करने का दबाव केंद्र सरकार लगातार बनाए हुए हैं । अगर यह चार लेबर कोड लागू हो गए तो मजदूरों को प्राप्त अधिकार, सुविधाएं, अदालती ताकत सभी समाप्त हो जाएंगे। ऐसे हालात में सरकार पूरी तरह देश को पूंजी पतियों के हवाले कर देना चाहती है।

राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस (इंटक) के महामंत्री संजय कुमार सिंह ने श्रमिकों से आह्वान किया है कि 2 दिसंबर को प्रस्तावित विरोध दिवस पर जोर-शोर से अपनी आवाज बुलंद कर मजदूरों को जागरूक करें ताकि सरकार मजदूरों के प्रति अपनी हठवादिता को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाए।