भागवत कथा में बताया गंगावतरण का महत्व – कृष्ण जन्म पर जमकर नाचे भक्त

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जगदलपुर मां दंतेश्वरी मंदिर की यज्ञशाला में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन रविवार को भागवताचार्य पं. कृष्ण कुमार तिवारी ने बताया कि भागवत महापुराण मनोरंजन की कथा नहीं, अपितु भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, तथा तत्वज्ञान के साथ सदगति प्रदान करने वाली पूरी तरह से वैज्ञानिक कथा है। भागवत ने पूरी दुनिया को एक मानने का संदेश देते हुए समग्र भू मंडल को जंबू द्वीप कहा है, लेकिन कुछ लोग पुण्य भागवत कथा सुनने के बदले अपनी पारिवारिक व्यथा दूसरों को सुनाते रहते हैं।श्रेष्ठ व्रत एकादशी का महत्व समझाते हुए उन्होने बताया कि व्रती व्यक्ति अपनी ग्यारह इंद्रियों को वश में कर भगवान विष्णु आराधना करते हैं, इसलिए इस व्रत को एकादशी कहा जाता है। गंगावातरण की कथा बांचते हुए उन्होने कहा कि अथक प्रयास से सुखद परिणाम सामने आता है। ऐसे कार्य ही भागीरथ प्रयास कहलाते हैं। गंगावतरण की कथा के बाद सभी श्रोताओं पर गंगा जल छिड़का गया।कथा के दौरान शाम को जमकर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। नवजात बच्चे के साथ जन्मोत्सव मनाया गया वहीं बाल गोपाल के साथ माखन चोरी की गई। दही लूटा गया। भक्तों को माखन मिश्री का प्रसाद वितरीत किया गया। इस मौके पर भक्तों के जमकर नृत्य किया। श्रीमद भागवत महापुराण कथा सुनने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए यज्ञशाला के सामने कुर्सियों की व्यवस्था की गई है। बताया गया कि कथा के दौरान सोमवार को पूतना मोक्ष, रुक्मिणी विवाह का प्रसंग आएगा।