- मातृत्व सुख पाने पूतना ने गंवाए प्राण: कृष्णा तिवारी
जगदलपुर राजा बलि की पुत्री ने वामन अवतार को देखा तो मातृत्व भाव उमड़ा लेकिन उनके विराट रूप को देख क्रोधित होकर कहने लगी कि ऐसे बच्चे को दूध में जहर मिला कर मार डालना चाहिए। भगवान ने उसकी बातों का मान रखा। वही राजकुमारी बक राक्षस की बहन बकी बन जन्म ली लेकिन वह जिंदगी भर बांध रही इसलिए लोग उसे बिना पूत वाली पूतना कहने लगे। लोगों के शब्द बाण से पूतना हताश थी। जब कंश ने उसे बालकृष्ण को मारने का आदेश दिया तो वह सहर्ष तैयार हो गई और कालकूट जहर लगा भगवान को स्तनपान कराया। ईश्वर ने उसे मां कहा और उसे बैकुंठ प्रदान किए। उधर समाज में ऐसे बहुंत से लोग हैं। जो अपने बूढ़े माता पिता को आश्रम में छोड़ आते हैं।यह बातें मां दंतेश्वरी मंदिर की यज्ञशाला में आयोजित भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह के तहत सोमवार को कही।सोमवार को बालकृष्ण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया। उन्हें छप्पन भोग अर्पित किया गया। शाम को श्री कृष्ण और रुक्मिणी विवाह सम्पन्न कराया गया। इस दौरान परायणकर्ता धनंजय चतुर्वेदी, संगीत पक्ष के टीकम पटेल, सत्यनारायण विश्वकर्मा और कोमल सिन्हा ने कई मधुर भजन कर श्रोताओं को मुग्ध कर दिए। मंगलवार शाम कथा का समापन होगा, वहीं बुधवार सुबह हवन यज्ञ तथा दोपहर एक बजे भंडारा प्रारंभ होगा।