छत्तीसगढ़ बीते दिनों बस्तर अंचल के नारायणपुर ज़िला में धर्मांतरित लोगों द्वारा क्षेत्र के आदिवासियों के साथ मारपीट की घटना सामने आई। जिसके बाद गुस्साए आदिवासियों ने स्थानीय चर्च में घुसकर तोड़फोड़ किया, जैसा समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में धर्मांतरण का खेल कई दशकों से लगातार जारी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय दलों द्वारा ईसाई और हिंदू दोनों समाज़ को ख़ुश करने की राजनीति के चलते आज यह द्वंद की स्तिथि उत्पन हो गई है।शिवसेना बकावंड ब्लाक अध्यक्ष टिकेंद्र उके ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये बताया कि जिस समय धर्म परिवर्तन का खेल आरंभ हुआ ठीक उसी समय अगर रोक गया होता तब स्तिथि भिन्न होती। आज मिशनरियों द्वारा ग़रीब तबके के भोले भाले लोगों को उपचार और अन्य लालच से धर्मांतरित करवाया जा रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे आदिवासी बहुत क्षेत्रों में आज लगभग आधी जनसंख्या बिना सरकारी नियमों को माने धर्मांतरित हो चुकी है। ये धर्मांतरित लोग अन्य लोगों को हिंदू देवी देवताओं की पूजा ना करने मंदिर ना जाने यहां तक कि प्रसाद ग्रहण करने से भी रोकते हैं। अब बस्तर जैसे क्षेत्र में धर्मांतरित लोगों की संख्या बढ़ने के कारण अब वे उन्माद की स्तिथि में हैं और लगातार हिंदुओं पर आक्रमण करने से भी पीछे नही हट रहे हैं।समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ हैकि नारायणपुर में धर्मांतरित लोगों द्वारा पुलिस अधीक्षक पर भी प्राणघातक हमला किया गया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया उनके सिर पर टांके लगाने पड़े हैं। इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवसेना द्वारा राज्य व केंद्र की सरकार को तत्काल संवैधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए धर्मांतरण के खेल पर प्रतिबंध लगाने तथा धर्मांतरित लोगों को सामान्य वर्ग घोषित करने की मांग की गई है।
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