- यह कानून साम्प्रदायिकता फैलाने वालो के लिए है तो भाजपाईयों को किस बात की सता रही डर – चंदन कश्यप
प्रदेश सरकार ने साम्प्रदायिकता फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू की है जिसका विरोध भाजपाई लगातार कर रहे है। सोमवार को पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस कानून को आपातकाल बताया तो नारायणपुर विधायक एवं छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपाई पहले अपने कार्यकाल देख ले तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने तीसरे कार्यकाल मे 9 बार यह कानून लागू किया तो आज भाजपाईयों को किस बात की डर सता रहीं है यह स्पष्ट करे। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून समाज मे शांतिपूर्ण वातावरण विकसित करने के उद्देश्य से लाया गया है तो भाजपा नेता इस कानून का विरोध क्यों कर रहे है। मुद्दा विहीन भाजपा लोगों के बीच साम्प्रदायिकता फैला कर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहीं है।
विधायक ने आगे कहा कि अब कोई भी साम्प्रदायिकता नहीं फैला सकता इसलिए भाजपा के लोग इस कानून का विरोध कर रहे है। भाजपा के चरित्र मे ही खोट है एक और भाजपा शासित उतर प्रदेश मे मुख्यमंत्री ने पहले ही 10 महीनों मे यह कानून लाकर 160 लोगों की गिरफ्तारी की तो छत्तीसगढ़ मे किस बात की डर सता रही है भाजपाईयों को जो इस कानून का विरोध कर रहे हैं । भाजपा नहीं चाहती कि प्रदेश मे शांति व्यवस्था बनी रहे। रमन सरकार मे बिना मुकदमे के सरकार विरोधी लोगों को कई दिनों तक हिरासत मे रखने की कई घटना घटी, मौजूदा कानूनो का कैसे दुरुपयोग किया इसके लिए मानवाधिकार आयोग की सुनवाइयों के पिछले पन्ने पलटने चाहिए। विधायक चंदन कश्यप ने भाजपाईयों को करारा जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 2005 मे 279 निर्दोष आदिवासियों की शहादत हुई थी 2006 मे 152, 2007 मे 142, उनके कार्यकाल के दौरान प्रतिवर्ष औसत 100 से अधिक निर्दोष आदिवासी मारे जाते रहे और यह भाजपा कानून व्यवस्था पर कांग्रेस को नसीहत दे रहीं है। भाजपा ने सत्ता मे रहते कभी आदिवासियों की भलाई नहीं चाहा आज सत्ता से जाने के बाद इनको आदिवासियों के लिए चिंता होने लगी है।आखिर ऐसा क्यों,आखिर भाजपाई क्यों कर रहे हैं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विरोध भाजपा के नेता सार्वजनिक रूप से जवाब दे।