- संभागायुक्त, महिला आयोग, कलेक्टर और एसपी से भी शिकायत कर चुकी है टाहकापाल की नेत्र सहायक अधिकारी सोनिया यादव
- महिला कर्मचारी को डिफाल्टर, ओवर स्मार्ट कहकर अपमानित करते हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
तोकापाल अधिकारी की प्रताड़ना से परेशान स्वास्थ्य विभाग की नेत्र सहायक अधिकारी सोनिया प्रमोद यादव इंसाफ के लिए सालभर से गुहार लगाती आ रही है। महिला आयोग, संभागायुक्त, कलेक्टर व एसपी तक को वे आवेदन देकर अपनी पीड़ा से अवगत करा चुकी हैं, मगर कार्रवाई तो हुई नहीं, प्रताड़ना का दौर जरूर बढ़ गया।सोनिया यादव ने बस्तर के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. डी राजन पर प्रताड़ना के संगीन आरोप लगाए हैं। श्रीमती यादव के मुताबिक डॉ. राजन जब बस्तर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी थे, तबसे से डॉ. राजन उन्हें अपमानित और प्रताड़ित करते आ रहे हैं। सोनिया यादव का आरोप है कि डॉ. राजन उनके खिलाफ तू तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल करते हैं और कहते हैं कि तू तो मोस्ट डिफाल्टर है, ओवर स्मार्ट बनती है, तुझे तो मैं देख लूंगा, तेरा इंक्रिमेंट रुकवा दूंगा, तुम्हारे द्वारा आहरित वेतन की रिकवरी तुमसे करवाऊंगा। सोनिया प्रमोद यादव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तोकापाल के अधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टाहकापाल में नेत्र सहायक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। श्रीमती यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि डॉ. डी राजन जब बस्तर के मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी थे तब से वे उन्हें प्रताड़ित करते आ रहे हैं। डॉ. राजन कई बार सोनिया को सार्वजनिक तौर पर अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए अपमानित कर चुके हैं। डॉ. राजन तबसे उन्हें अपमानित और प्रताड़ित करते आ रहे हैं, जब वे बस्तर के मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी थे। संयुक्त संचालक बनने के बाद भी सोनिया यादव के प्रति उनके रवैए में कोई तब्दीली नहीं आई है, बल्कि उनका टार्चर और भी बढ़ गया था। डॉ. राजन के इस रवैए के खिलाफ सोनिया यादव ने बीते साल के शुरुआती दिनों में ही राज्य महिला आयोग, बस्तर संभाग के आयुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं वन स्टॉप सखी सेंटर के प्रभारी से की थी। सोनिया को अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। प्रताड़ना की हद हो गई है और बुरी तरह परेशान सोनिया यादव मजबूर होकर कभी भी अवांछित कदम उठा लेने की बात तक कहने लगी है।
सुलह के बाद भी नहीं बदला रवैया
जब डॉ. राजन मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी थे तब उनके द्वारा बार – बार प्रताड़ित और अपमानित किए जाने की शिकायत सोनिया प्रमोद यादव ने जिलाधीश बस्तर से की थी। तब जिला प्रशासन ने दोनों के बीच सुलह करवाई थी। उस दौरान डॉ. राजन ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष आश्वासन दिया था कि भविष्य में वे सोनिया यादव के साथ इस तरह के कृत्य नहीं करेंगे। सोनिया यादव का कहना है कि संयुक्त संचालक बनने के बाद डॉ. राजन ने उन्हें प्रताड़ित करने का सिलसिला और तेज कर दिया है। वे आएदिन तोकापाल और टाहकापाल के दौरे पर पहुंच जाते हैं और सबसे पहले यही सवाल करते हैं कि सोनिया यादव कहां है? वे तोकापाल के खंड चिकित्सा अधिकारी पर दबाव डालकर सोनिया यादव के खिलाफ बेवजह कार्रवाई करने के लिए कहते हैं।