पंचायत सचिवों की हड़ताल ने हिला दी शासन प्रशासन की चूलें

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  • ग्रामीणों के जरुरी कार्य अटके, ग्राम पंचायतों में लटकने लगे ताले
  • सचिवों के न रहने से ग्रामीणों के आर्थिक सर्वेक्षण में व्यावधान

जगदलपुर पंचायत सचिवों की हड़ताल से पंचायती राज व्यवस्था और ग्रामीण सेवा का भट्ठा बैठ गया है। शासन के महत्वपूर्ण कार्यों और योजनाओं का संचालन थम गया है। ग्रामीणों को पंचायतों से जुड़े कार्यों के लिए भटकना पड़ रहा है। बेरोजगारी भत्ता के लिए युवा फॉर्म जमा नहीं कर पा रहे हैं। पंचायतों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मनरेगा के कार्य बंद होने की स्थिति में है। प्रशासन को भी ग्रामीणों के आर्थिक सर्वेक्षण में कठिनाई हो रही है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बजट सत्र 2023-24 में सचिवों की मांग पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिए जाने से क्षुब्ध ग्राम पंचायतों के सचिव अपने संघ के प्रांतीय आह्वान पर हड़ताल पर हैं। बस्तर जिला समेत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों के सचिव संघ दो वर्ष परीविक्षा अवधि पूरी होने के पश्चात शासकीयकरण की अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 16 मार्च से काम बंद व कलमबंद कर अनिश्चित क़ालीन हड़ताल पर हैं।

इस वजह से ग्राम पंचायतों का कामकाज ठप पड़ गया है और अधिकतर पंचायतों में ताले लटक रहे हैं। शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा घुरवा गुरवा बाड़ी पर भी ग्रहण लग गया है। गोठानों में गोबर खरीदी प्रभावित हो गई है एवम ग्रामवासियों को जरूरी दस्तावेज बनवाने तथा अन्य कार्यों के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण में भी प्रशासन को सचिवों के बिना परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ता हेतु आवेदन पत्र भरवाने में युवाओं को भी कठिनाई आ रही है। सचिव संघ जिला बस्तर के पदाधारियों का कहना है कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले ग्राम पंचायत सचिवों से वादा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण कर दिया जाएगा। कांग्रेस की सरकार बने पांच साल पूरे होने को हैं, लेकिन सरकार अब तक अपना वादा पूरा नहीं कर पाई है। उल्टे शासन द्वारा दमनकारी नीति अपनाते हुए यह आदेश जारी किया गया है कि सचिव अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में व्यवस्था हेतु 24 घंटे के अंदर अपने कर्तव्य प्र उपस्थित हो जाएं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि हम सभी सचिव साथी इस आदेश का पुरजोर विरोध करते हैं और अब आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जब तक हमारी एक सूत्रीय मांग पूरी नहीं होती,तब तक हम सभी सचिव साथी हड़ताल पर डटे रहेंगे।