(अर्जुन झा)
जगदलपुर बस्तर सांसद दीपक बैज छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक भूपेश बघेल सरकार के मंत्री अमरजीत भगत का नाम तेजी से उभर रहा था लेकिन तेजी से बदलते घटनाक्रम में अब दीपक के उजियारे का दायरा बढ़ गया है। कल दिल्ली में बस्तर सांसद दीपक बैज की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मुलाकात के बाद संकेत मिलने शुरू हो गए थे। आज उनकी एआईसीसी महासचिव और कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा से सौजन्य मुलाकात की। यह मुलाकात तकरीबन 50 मिनट चली और इशारा कर गई कि दीपक बैज छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में फिलहाल आगे निकल चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। यह भी संकेत मिले हैं कि प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से होगा तो एक कार्यकारी अध्यक्ष अनुसूचित जाति वर्ग से और एक सामान्य वर्ग से होगा। संभावना है कि मंत्री शिव डहरिया और वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। जहां तक अध्यक्ष पद की बात है तो बस्तर सांसद दीपक बैज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी सैलजा की पहल पर आलाकमान की मंजूरी पा सकते हैं। अब सवाल यह है कि दीपक बैज संगठन में इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए सर्वथा उपयुक्त क्यों माने जा सकते हैं तो इन तथ्यों पर गौर किया जा सकता है कि अमरजीत भगत और दीपक बैज में सबसे बड़ा फर्क यह है कि वे अपेक्षाकृत अधिक युवा हैं और कांग्रेस युवा पीढ़ी को अवसर देने में रुचि ले रही है। भगत मंत्री के तौर पर बेहतर काम कर रहे हैं। वे सरगुजा में मंत्री टीएस सिंहदेव के बाद सबसे प्रभावशाली कांग्रेस नेता के रूप में उभरे हैं। सिंहदेव कुछ समय से नाराज चल रहे हैं तो सरगुजा में कांग्रेस को भगत की ज्यादा जरूरत है इसलिए उन्हें पूरे प्रदेश में संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी तो वे सरगुजा में ज्यादा फोकस नहीं कर पाएंगे। भगत को विधानसभा चुनाव लड़ना है तो जाहिर है कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देना होगा। जबकि दीपक बैज को अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ना है तब वे विधानसभा चुनाव के लिए संगठन को पूरा समय दे सकते हैं, जिसका कांग्रेस को अगले लोकसभा चुनाव में भी फायदा मिल सकता है। एक तथ्य यह भी है कि मौजूदा संगठन अध्यक्ष बस्तर संभाग से हैं तो बस्तर को उम्मीद है कि अगला अध्यक्ष बस्तर से ही हो। इसके अलावा एक सांसद की हैसियत से दीपक बैज छत्तीसगढ़ के हक में जो शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे कांग्रेस का नेतृत्व भी देख रहा है। उन्हें संगठन में भी जिम्मेदारी दी जाती है तो उनकी प्रतिभा में और निखार आएगा, जिसका लाभ कांग्रेस को ही होगा। इसके अलावा एक बात यह भी है कि सत्ता के किसी व्यक्ति को संगठन में लाने से जो असंतुलन उत्पन्न होगा, उसे भी सांसद बैज को संगठन की कमान सौंपने पर टाला जा सकता है। रही बात सर्व स्वीकार्यता की तो कांग्रेस में ऐसा कोई नहीं है जो दीपक बैज की शिष्टता, कर्मठता, आक्रामकता और समन्वय की शैली से वाकिफ न हो।