तोकापाल ब्लॉक में स्कूलों की मरम्मत के नाम पर कमीशन का खेल

0
194
  • बीईओ के संरक्षण में संकुल समन्वयकों की बल्ले-बल्ले
  • विभागीय निर्देशानुसार प्राचार्यों के माध्यम से कराई जानी थी मरम्मत

तोकापाल बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक में स्कूलों की मरम्मत के नाम पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी की मनमानी चल रही है। मरम्मत का कार्य प्राचार्यों के सुपरवाविजन में कराने का निर्देश जिला स्तर से जारी हुआ है, लेकिन विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने इस कार्य की जिम्मेदारी संकुल समन्वयकों को सौंपकर उन्हें कमीशन उगाही की खुली छूट दे दी है। कई स्कूलों के प्राचार्य बीईओ की कार्यप्रणाली को लेकर खफा हैं और मरम्मत कार्य को नियम विरूद्ध अंजाम दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री जतन योजना के कार्यों में भी कमीशन का खेल चल रहा है।जानकारी के अनुसार सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत जिले के जर्जर स्कूलों की मरम्मत पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सभी जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत का कार्य 15 जून तक पूर्ण करा लेने के निर्देश के साथ राशि शिक्षा विभाग को जारी की गई है। मरम्मत कार्य खंड शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में संबंधित स्कूलों के प्राचार्य से कराने का फरमान जारी किया गया है, जिसका अधिकांश खंड शिक्षा अधिकारी पालन भी कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को संबंधित स्कूलों के प्राचार्य के माध्यम से मरम्मत कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। तोकापाल के बीईओ ने आदेश को दरकिनार कर अपने चहेते कुछ संकुल समन्वयकों की मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी दे दी है। कार्य कराने की जिम्मेदारी प्राचार्यों को दी जानी थी, लेकिन कमीशन के फेर में संकुल समन्वयकों को ठेकेदार बना दिया गया है। इसे लेकर प्राचार्य एवं संकुल समन्वयक में आपसी मनमुटाव उपजने की खबर है।*मुख्यमंत्री जतन योजना में भी कमीशनखोरी*प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी कमीशन के चक्कर में मुख्यमंत्री के नाम वाली योजना को भी पलिता लगाने से नहीं चूक रहे हैं। इसका तोकापाल खंड शिक्षा विभाग ज्वलंत उदाहरण है। तोकापाल के बीईओ से इस मामले में प्रतिक्रिया लेने के लिए दूरभाष से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। खबर है कि जिला शिक्षा अधिकारी तोकापाल बीईओ के कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें फटकार भी लगा चुके हैं।