भारतीय मजदूर संघ ने सांसद मोहन मंडावी से राजहरा खदान में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की

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भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल विगत दिनों कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी से उनके निवास स्थान पर भेंट कर उन्हें भारतीय मजदूर संघ की 2023 की डायरी भेंट की और उन्हें राजहरा खदान में हो रहे ठेकों में भ्रष्टाचार एवं खदान में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनें कानूनों पालन नहीं किये जाने की शिकायत की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद और खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष एम पी सिंग ने बताया कि खदान के ठेकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है ठेके के नियमों की अनदेखी कर ठेकेदार अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं और उनको रोकने वाला कोई नहीं है। प्रबंधन के अधिकारी उन्हें मौन सहमति दे रहे हैं। खदान में सुरक्षा के मापदंडों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है केन्द्र सरकार के बनाये नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। खदान में कार्यरत नियमित कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों में डर का माहौल है।वो असुरक्षित तरीके से कार्य करने को मजबूर हैं। ईसकी शिकायत भारतीय मजदूर संघ ने बहुत बार स्थानीय बीएसपी प्रबंधन और उच्च प्रबंधन को किया किंतु प्रबंधन द्वारा ईसपर आजतक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है और बीएसपी प्रबंधन अपने कुंभकर्णी नींद में सोई रही।इसलिए भारतीय मजदूर संघ ने ईसकी शिकायत सांसद मोहन मंडावी से की है और सांसद मोहन मंडावी से दल्ली यंत्रीकृत खदान और राजहरा यंत्रीकृत खदान का दौरा करने का अनुरोध किया है जिसपर सांसद ने अपनी सहमति दी है और कहा है कि वो स्वयं भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों के साथ खदानों का दौरा करेंगे और की गई शिकायत की सत्यता की जांच करेंगे और शिकायत सही पाये जाने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो ईसके लिए भी प्रयास करेंगे। भारतीय मजदूर संघ के नेता द्वय ने बताया कि जहां एक तरफ केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर राजहरा खदान में ठीक ईसके उल्टा कार्य किया जा रहा है ।

आज ठेकों में भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हो रहा है और ईसे रोकने के लिए बीएसपी प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है।प्रबंधन के कुछ अधिकारी ठेकों पर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए उनके सुविधा अनुसार नियम शर्त लगा रहे हैं और पब्लिक के पैसों का बंदरबांट करने में लगे हुए हैं। संघ को जानकारी मिली है कि प्रबंधन के कुछ अधिकारी ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए अरबों रुपए के ठेकों में अगर ठेकेदार समय सीमा में कार्य समाप्त नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें 06 माह अतिरिक्त समय देने में नहीं हिचक रहे है और नियमित कर्मचारियों और पब्लिक के पैसों को ठेकेदार पर लुटाने में लगे हुए हैं।आज बीएसपी के एक छोटे से खदान में अगर अरबों रुपए का घोटाला हो रहा है तो पूरे सेल की क्या स्थिति होगी इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। बीएसपी प्रबंधन एक तरफ नियमित कर्मचारियों की सुविधाओं में लगातार कटौती कर रही है और अपने कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रही है। राजहरा का बीएसपी अस्पताल एक रैफर सेंटर बनकर रह गया है। यहां आपातकाल जैसी कोई सुविधा नहीं है जोकि बहुत ही शर्मनाक है। आपातकाल का मतलब सीधे मौत के मुंह में जाना हो गया है आज बीएसपी प्रबंधन रावघाट में सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। मगर राजहरा खदान के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। भारतीय मजदूर संघ हमेशा से ही खदान में हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करने और खदान में कार्यरत नियमित कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों को सुरक्षित तरीके कार्य कराये जाने के लिए प्रतिबद्ध है और ईसके लगातार संघर्ष करता आ रहा है। खदान का उत्पादन किसी कर्मचारी की जान से बढ़कर नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से भारतीय मजदूर संघ के जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर साहू और समाजसेवी कृष्णा सिंह उपस्थित थे

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