शहीदों को मुख्यमंत्री, गृहमंत्री व सांसद बैज ने दी श्रद्धांजलि

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  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, बस्तर सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद फुलोदेवी नेताम और डीजीपी जुनेजा भी पहुंचे थे दंतेवाड़ा

जगदलपुर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार सुबह स्टेट हैंगर से दंतेवाड़ा पहुंच गए। उनके साथ राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, बस्तर के सांसद दीपक बैज, राजयसभा सदस्य फुलोदेवी नेताम, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी दंतेवाड़ा पहुंचे थे। सभी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि बुधवार 26 अप्रैल को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर गांव के पास सड़क पर आईईडी प्लांट कर रखा था। इसके पहले नक्सलियों ने अरनपुर और आसपास के जंगलों में अपने मूवमेंट की झूठी सूचना फैला दी थी।नक्सलियों के इस झांसे में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ( डीआरजी ) तथा अन्य सुरक्षा बलों के जवान आ गए। सूचना को सच मानकर सुरक्षा बलों के जवान अलग – अलग चारपाहिया वाहनों से सर्चिंग के लिए रवाना हुए थे। सर्चिंग पूरी कर लौटते समय डीआरजी का वाहन आईईडी की चपेट में आ गया। वाहन के पहिए के दबाव से प्लांटेड आईईडी में ब्लास्ट हो गया और डीआरजी जवानों के वाहन के परखच्चे उड़ गए, उस पर सवार सभी दस डीआरजी जवानों और एक ड्राइवर को वीरगति प्राप्त हो गई। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि सड़क पर तीन फीट से भी ज्यादा गहरा और लगभग दो मीटर व्यास का गड्ढा हो गया। सूचना पर पहुंचे जिला पुलिस बल दंतेवाड़ा, डीआरजी तथा अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारी और जवान एम्बुलेंस तथा अन्य संसाधनों के साथ मौके पर पहुंच गए। कई शहीद जवानों के शवों के टुकड़े दूर दूर तक बिखरे हुए थे, जिन्हें सहेजकर एकत्रित किया गया। सभी शहीदों के शवों को कल ही दंतेवाड़ा ले आया गया था, जहां उन्हें पुलिस लाईन में रखा गया। शहीदों को पुलिस लाईन में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद दीपक बैज, राजयसभा सदस्य फुलोदेवी नेताम, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, दंतेवाड़ा कलेक्टर, एसपी तथा दीगर सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि और सलामी देने के बाद शहीद जवानों के पार्थिव शरीर उनके गृहग्रामों के लिए रवाना किए गए। शव लेने के लिए शहीदों के परिजन दंतेवाड़ा पहुंचे थे।

आदिवासी थे सभी शहीद जवान

अरनपुर आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए डीआरजी के सभी शहीद जवान आदिवासी समुदाय से थे। शहीद जवानों में जोगा सोढ़ी, मुन्ना मंडावी, रतनू मरकाम, जगदीश कवासी।

पापा को जाने से रोका था, मगर

वाहन चालक धनीराम यादव बेटी बसंती शव लेने दंतेवाड़ा पुलिस लाइन पहुंची थी। बसंती ने कहा – मैंने पापा को मना किया था कि जवानों को लेकर उस इलाके में मत जाइए। वहां बड़ा खतरा रहता है। पापा मेरी बात नहीं माने और यह कहते हुए चले गए कि जल्द घर लौटूंगा। पापा तो हंसते हुए नहीं लौटे, लेकिन हमें रोता बिलखता छोड़ गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वाहन चालक धनीराम यादव की बेटी बसंती यादव तथा अन्य शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात की, उन्हें ढाढ़स बंधया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके परिवारों के इन सपूतों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है और यह जंग हमारे जवान जल्द जीत लेंगे।

नक्सली कमांडर देवा की थी मौजूदगी

सूत्र बताते हैं कि दंतेवाड़ा जिले में सक्रिय ईनामी नक्सली कमांडर देवा और उसके करीब डेढ़ सौ सहयोगियों की अरनपुर इलाके के जंगलों में मौजूदगी की सूचना के आधार पर सुरक्षा बल सर्चिंग पर निकले थे। देवा और उसके सहयोगी वहां मौजूद भी थे। इन नक्सलियों ने दूर के एक पेड़ पर चढ़कर बारूदी विस्फोट को अंजाम दिया। बताया गया है कि नक्सलियों ने भारी मात्रा में आईईडी को सड़क के अंदर दबा रखा था। उसके तारों को जमीन के अंदर बिछाते हुए वे पेड़ तक ले गए थे। जैसे ही डीआरजी का वाहन टॉरगेट वाली जगह पर पहुंचा, नक्सलियों ने तारों को आपस में जोड़कर विस्फोट कर दिया।