घटिया शराब को महंगे दामों पर बिकवा रहे विभाग के अधिकारी

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  • कांग्रेस सरकार को बदनाम करने पर तुले हैं पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में रहे आबकारी विभाग के अधिकारी
  • दुकानों से अचानक गायब हो गई प्रचलित ब्रांडों की शराब और बीयर

अर्जुन झा

जगदलपुर सरकारी अंग्रेजी शराब दुकानों से ज्यादा मांग वाली और बहु प्रचालित ब्रांडों की शराब अचानक गायब हो गई है। उनकी जगह अनचिन्हे ब्रांडों की अजीब नामों वाली शराब बिकवाई जा रही है। यह शराब बेहद घटिया स्तर की है और मदिराप्रेमियों को जरा भी रास नहीं आ रही है। पहले मध्यम दर्जे की शराब 500 रु. में मिल जाती थी, अब घटिया ब्रांडों की शराब उनसे दुगुनी दर पर बेची जा रही है। शराब सिंडिकेट के ठिकानों पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी के बाद से प्रचलित ब्रांडों और ज्यादा डिमांड वाली शराब की आपूर्ति छत्तीसगढ़ की सरकारी दुकानों में नहीं हो रही है। उनकी जगह आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी बहुत ही हल्के ब्रांडों वाली घटिया स्तर की शराब बिकवा रहे हैं। ज्यादातर दुकानों में तो कुछ अच्छे ब्रांडों की डुप्लीकेट शराब खपाई जा रही है। सप्ताहभर से अधिक समय से यह स्थिति बनी हुई है। शराब के शौकीन बताते हैं कि पहले 500 रु. में अच्छी क्वालिटी की शराब मिल जाती थी, अब घटिया क्वालिटी की शराब को भी 900 रु. से लेकर 1100 रु. तक में बिकवाया जा रहा है। इस शराब का स्वाद बेहद खराब रहने की शिकायत अनेक मदिरा प्रेमियों ने की है। कुछ ऐसा ही हाल बीयर का भी है। अच्छे ब्रांडों की बीयर भी सरकारी दुकानों से गायब हो गई है। उनकी जगह लोकल ब्रांडों वाली बीयर खपाई जा रही है। बस्तर संभाग के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर जिलों की सरकारी अंग्रेजी शराब दुकानों में घटिया शराब बिकने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। वहीं रायपुर, भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, अंबिकापुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य बड़े शहरों की दुकानों में भी अनेक अच्छे ब्रांडों वाली शराब नहीं मिल रही है। अजीब अजीब नामों के स्टीकर लगी बोतलें इन दुकानों में ग्राहकों को थमाई जा रही हैं। अधिकतर ब्रांडों की बीयर भी दुकानों से गायब हैं।

सेहत बिगाड़ रही है घटिया शराब

शराब के शौकीनों ने बताया कि सरकारी अंग्रेजी शराब की दुकानों में बिक रही घटिया शराब का लोगों की सेहत पर बड़ा बुरा असर पड़ रहा है। पहले लोग प्रचलित ब्रांडों की शराब पीते थे, तो शरीर पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता था। जबसे गुमनाम ब्रांडों वाली घटिया स्तर की पी रहे हैं, तबसे मयकशों के बीमार पड़ने के मामले बढ़ हैं। बस्तर, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, कांकेर, नारायणपुर समेत राज्य के कुछ अन्य जिलों के करीब एक हजार मदिरा प्रेमियों से चर्चा करने पर जो निष्कर्ष निकला है, उसके मुताबिक सरकारी दुकानों में बिकवाई जा रही घटिया अंग्रेजी शराब शौकीनों की जान की दुश्मन बनती जा रही है। वैसे हर तरह की शराब, चाहे वह कितने भी आला दर्जे की हो, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, लेकिन मौजूदा समय में बिक रही अंग्रेजी शराब कुछ ज्यादा ही हानिकारक साबित हो रही है। ऐसी घटिया और नकली शराब राज्य में कभी भी कहर ढा सकती है।

बीयर का ब्रांड एक, स्वाद अनेक

बीयर के विक्रय के मामले में भी खेल चल रहा है। राज्य में जिन ब्रांडों वाली बीयर की खपत ज्यादा होती है, वह मिल नहीं रही हैं। उनकी जगह सरकारी दुकानों में निम्न स्तर की लोकल ब्रांड वाली बीयर बिकवाई जा रही है। इस बीयर का स्वाद शौकीनों को जरा भी रास नहीं आ रहा है। बीयर के शौकीन बताते हैं की एक ही ब्रांड की बीयर की दो बोतलें खरीदकर पीने पर दोनों के स्वाद बिल्कुल अलग अलग तरह के होते हैं। इससे आभास होता है कि सरकारी दुकानों के जरिए नकली बीयर खपाकर पीने वालों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।

भूपेश की छवि को डेमेज करने की कोशिश ?

सरकारी अंग्रेजी दुकानों में घटिया किस्म की और नकली शराब तथा बीयर बिकवाने के पीछे एक बड़ी साजिश की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान सेवारत रहे सत्तारुढ़ दल के प्रति झुकाव रखने वाले आबकारी विभाग एवं मार्केटिंग से जुड़े अनेक अधिकारी आज भी शीर्ष पदों पर हैं। भाजपा के प्रति उनका मोह अभी बरकरार है। आने वाले विधानसभा चुनावों मौजूदा कांग्रेस सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिए ही ये अधिकारी घटिया शराब बिकवा रहे हैं, ताकि घटिया शराब सेवन से बड़ी जनहानि हो और उससे कांग्रेस सरकार को चुनाव में नुकसान पहुंच सके।