***इधर एक डाक्टर की मौत
मालूम हो कि डाॅ दिपेन्द्र सिंह सिकरवार सेक्टर चिकित्सा अधिकारी पीएचसी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पोडी बचरा खडगवां जिला कोरिया छ.ग. विगत 17 वर्षो से सेवा प्रदान किया। जिनका आकस्मिक निधन 24 सितम्बर 2020 को अपोला हाॅस्पीटल बिलासपुर में हुआ। उनकी मृत आत्मा की शांति हेतु 2 मिनट का मौन धारण व मोमबत्ती जलाकर विनम्र श्रद्धांजली अर्पित किया गया। इस तरह उनके द्वारा इस विभाग को 17 वर्षो की सेवाएं प्रदाय की गयी, अब उनके परिवार को किसी प्रकार की कोई सहायता राशि न ही कोई शासन के द्वारा बीमा राशि है और न ही कोई आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।
जिला अध्यक्ष ने सरकार के उपर आरोप लगाते हुए कहा कि एनएचएम कर्मी का वर्षो से बिमा, अर्थिक मदद्, नियमितिकरण हेतु आज तक लडाई लड रहे है पर सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का कोई ठोस निर्णय नही लिया गया है। इस प्रकार के दमनकारी नीति एवं हडताल अवधी के दौरान बर्खास्तगी की कार्यवाही का घोर निंदा किया गया जाता हैं। विगत 7 माह से कोरोना वारियर्स के रूप में अपने जान की परवाह किए बिना, अपने परिवार को छोड़कर एवं अपने परिवार की तरह छत्तीसगढ़ की जनता के सेवा करने वाले कर्मचारियों के प्रति शासन की ऐसी कार्यवाही अशोभनीय है।
स्वास्थ्य सेवाओं एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुदृढ़िकरण लाने के बजाय सरकार मौन है संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा आम जनता से अपील की गई है कि इस सरकार के दमनात्क रवैये और असंवेदनशीलता के खिलाफ आवाज उठाए स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर 5 घण्टे में निर्णय लिया जाना चाहिए था लेकिन आज 8 वे दिनो तक सरकार की चुप्पी असंवेदनशीलता को दर्शाता है। ये कैसी सरकार है जिसे छत्तीसगढ़ की आम जनता के स्वास्थ्य की कोई फिकर ही नहीं है। हम सरकार से बस यही अपील करते है कि हमे जल्द से जल्द नियमितिकरण की सौगात दे और हम पूरे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी निष्ठा से पुनः जनता की सेवा में प्रस्तुत हो सके। मांग पूरी न होने तक हमारी हडताल जारी रहेगी।