कलेक्टर ने बिखेर दी गरीब बेटी देवकी की अंधेरी जिंदगी में रौशनी

0
44
  • डीएम की पहल पर मोतियाबिंद पीड़ित देवकी की आंख का हुआ सफल ऑपरेशन
  • जनचौपाल में देवकी की मां ने कलेक्टर से लगाई थी गुहार

लोहंडीगुड़ा विकासखंड लोहंडीगुड़ा के हर्राकोडेर गांव की गरीब बेटी देवकी और उसकी मां के लिए बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. मसीहा बनकर पहुंचे। कलेक्टर ने देवकी की अंधेरी जिंदगी में रौशनी बिखेर दी है। मोतियाबिंद पीड़ित देवकी की आंख का सफल ऑपरेशन कलेक्टर की पहल पर हुआ। अब देवकी अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से जारी रख सकेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप पहल करते हुए बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. और तमाम प्रशासनिक अधिकारी गांवों में जाकर ग्रामीणों का दुख दर्द साझा करते हुए लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए जमीनी पहल कर रहे हैं प्रशासन का प्रयास है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को शासन की योजनाओं, सुविधाओं, स्वास्थ्य सेवाओं आदि का लाभ मिले। इसी कड़ी में बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अति संवेदनशील क्षेत्र स्थित हर्राकोडेर गांव में कलेक्टर विजय दयाराम के. की मौजूदगी में जिला प्रशासन द्वारा 1 जून को चौपाल लगाई गई थी।

इसी दौरान गांव की एक आदिवासी महिला अपनी पंद्रह वर्षीय बेटी देवकी ठाकुर के साथ चौपाल में पहुंची थी। महिला ने कलेक्टर को बताया कि सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली देवकी की दोनों आंखों में बचपन से मोतियाबिंद है तथा उसे कुछ मानसिक बीमारी भी है। नजर कमजोर होने के कारण देवकी ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाती। कलेक्टर ने तुरंत मौके पर उपस्थित लोहंडीगुड़ा के बीएमओ डॉ. नारायण नाग को निर्देश दिया कि देवकी को यथाशीघ्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल डिमरापाल अथवा जिला चिकित्सालय जगदलपुर ले जाकर उसकी आंखों का ऑपरेशन और मानसिक बीमारी का ईलाज कराएं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहंडीगुड़ा की टीम ने देवकी ठाकुर को स्व. बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज डिमरापाल पहुंचाया, जहां उसकी दांयी आँख के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन शनिवार को नेत्र चिकित्सक एवं नोडल अधिकारी डॉ. सरिता थॉमस और उनकी टीम ने किया। ऑपरेशन के उपरांत देवकी को ठीक से दिखाई देने लगा है। दूसरी आंख के ऑपरेशन के बाद देवकी की मानसिक बीमारी का भी ईलाज शुरू किया जाइगा।*बॉक्स**मां – बेटी के लिए मसीहा बनकर आए कलेक्टर* दोनों आंखों से ठीक से दिखाई न देने के कारण देवकी की पढ़ाई में बाधा आ रही थी और उसका भविष्य अंधेरे में गुम होता जा रहा था। कलेक्टर विजय दयाराम के ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए देवकी की अंधेरी जिंदगी में उजियारे की किरण बिखेर दी है। देवकी और उसकी मां कलेक्टर विजय दयाराम के. को देवतुल्य मानने लगी हैं। उन्होंने कहा कलेक्टर साहब हमारे लिए मसीहा बनकर हमारे गांव में आए थे। देवकी और उसकी मां की मंशा है कि पूरी तरह ईलाज हो जाने के बाद दोनों मां बेटी कलेक्टर का आभार जताने जगदलपुर जाएंगी, लेकिन गरीबी और आर्थिक तंगी उन्हें अपने मसीहा से मिलने से रोकती प्रतीत हो रही है। कलेक्टर की सादशयता की चर्चा समूचे विकासखंड में हो रही है।*बॉक्स**मोतियाबिंद मुक्त होगा बस्तर जिला*जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग बस्तर जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने हेतु मिशन मोड में कार्य कर रही है। जिस हेतु सघन सर्वे अभियान 15 मई से प्रारंभ किया गया था, सर्वेक्षण में चिन्हांकित मोतियाबिंद मरीजों का ऑपरेशन प्रारंभ कर दिया गया है। मोतियाबिंद सर्वे के दौरान कुल 35 मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गये हैं। नियमित रूप से शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, डिमरापाल में ऑपरेशन किये जा रहे है। अभियान अंतर्गत सभी आयु वर्ग के लोगों का निःशुल्क स्क्रिनिंग, जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।