राहुल गांधी के आते ही बस्तर कांग्रेस में आएगा बड़ा बवंडर, कई नेता पार्टी छोड़ने तैयार

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  • कांग्रेस में भगदड़ के हालात अभी भी कायम
  • एक नेता को शामिल करने पर भाजपा में भारी विरोध

अर्जुन झा

जगदलपुर बस्तर में कांग्रेस के अंदर भगदड़ के हालात अब भी बरकरार हैं। राहुल गांधी कल 13 अप्रैल को बस्तर आ रहे हैं। उनके आते ही कई बड़े कांग्रेस नेता कांग्रेस से बाहर जाने के लिए तैयार बैठे हैं। वहीं जगदलपुर के एक कांग्रेस नेता को भाजपा में शामिल करने को लेकर भाजपा के अंदर ही भारी विरोध शुरू हो गया है। दरअसल इस कांग्रेस नेता का सियासी चाल चरित्र ही ऐसा है कि उन्हें कांग्रेस में भी कोई पसंद नहीं कर रहा है। ऐसे में भाजपा के नेता उस कांग्रेस नेता को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?

बस्तर कांग्रेस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज सभी स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने तथा एकजुट रखने की पूरी कोशिश करते आ रहे हैं, लेकिन स्वार्थी कांग्रेस नेता अपना वजूद बचाने और खुद के दामन पर लगे दाग को धोने के लिए सत्तारुढ़ पार्टी की शरण में जाने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। अब तक महापौर सफीरा साहू, वरिष्ठ नेता यशवर्धन राव और कुछ अन्य नेता कांग्रेस का दामन झटककर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। मेयर सफीरा साहू को भाजपा में भेजने में जगदलपुर के एक गोरे चिट्टे, लेकिन काले मन वाले कांग्रेस नेता की बड़ी भूमिका रही है। बताते हैं कि इस नेता ने ही नगर निगम में मेयर के जरिए काला पीला काम करवा कर करोड़ों रुपए बटोरे और रायपुर में बैठे अपने आका तक भी हिस्सा पहुंचाया। इस नेता को भरोसा था कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी तो पूरा मामला दबा रहेगा, मगर उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। राज्य में भाजपा सत्तारुढ़ हो गई। इससे यह नेता खौफ में आ गए और खुद को फंसने के लिए मेयर को भाजपा की वाशिंग मशीन में डाल दिया। सूत्र बताते हैं कि अब यही कांग्रेस नेता खुद भी भाजपा में जाने लालायित हो उठे हैं। कुछ दिनों पहले बस्तर के आमाबाल आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष वे भाजपा प्रवेश करना चाहते थे, ताकि उनकी सियासी ब्रांडिंग हो सके। तब इस नेताजी के सपने पर यहां के जमीनी भाजपा नेताओं के प्रबल विरोध ने चकनाचूर कर दिया। ये कांग्रेसी नेताजी अब मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा प्रवेश की तैयारी में हैं, मगर स्थानीय भाजपा नेता उन्हें किसी भी सूरत में भाजपा में कदम नहीं रखने देना चाहते। यहां तक कि एक भाजपा नेता ने तो इस नेता को भाजपा में शामिल करने पर आत्महत्या की भी धमकी दे दी है। इस भाजपा नेता का कहना है कि कथित कांग्रेस नेता अपनी मातृ संस्था कांग्रेस का नहीं हो सका, जिसने विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज समेत अन्य प्रत्याशियों को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वह भला भाजपा के प्रति वफादार कैसे हो सकता है? भाजपा के कई और नेता एवं कार्यकर्ता इस कांग्रेस नेता को शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। मगर स्वार्थ के दलदल में बुरी तरह फंसे ये कांग्रेसी नेताजी हैं कि भाजपा में जाने के लिए बुरी तरह छटपटा रहे हैं। इस नेताजी के अलावा कांग्रेस के एक और बड़े नेता के भाजपा में शामिल होने की चर्चा है।