- प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो : लखमा
- बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक पहली बार हुई सुकमा में
सुकमा बस्तर क्षेत्र विकास आदिवासी प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने कहा है कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत वनाधिकार मान्यता पत्र, देवगुड़ियों को सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र देने में बहुत अच्छा कार्य किया गया है। हमारे जनप्रतिनिधियों को भी योजनाओं के क्रियान्वयन का सतत निरीक्षण करते रहना चाहिए। गोठानों में संचालित आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें। श्री बघेल सोमवार को सुकमा के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों ने अच्छा कार्य किया है। बस्तर की राजधानी के रूप में संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से सभी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की उम्मीद ज्यादा है। इसके लिए अधिक मेहनत की जरूरत होगी। शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर दिखना चाहिए। इस वर्ष सुकमा जिला प्रशासन की मेहनत के कारण बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे नतीजे आए हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला अस्पताल को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। सभी विभाग ऐसा प्रयास करें, ताकि बस्तर का नाम सकारात्मक कार्यों के लिए विश्व पटल पर अंकित हो सके। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी और संतराम नेताम ने विकास कार्यों को गति देने और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दें। व्यवसायिक परी़क्षाओं में सफल आर्थिक रूप से कमजोर एवं निर्धन बस्तर संभाग के छात्र-छात्राओं की मदद के लिए जिला खनिज न्यास निधि मद व सीएसआर मद से प्रति जिला दो करोड़ का प्रावधान करने पर सदस्यों ने सहमति दी।

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बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन, प्राधिकरण मद से वर्ष 2004-05 से 2022-23 तक स्वीकृत कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा, 2022-23 में जिलावार अनुशंसित निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के असाध्य नलकूपों में ऊर्जीकरण की प्रगति की समीक्षा, अजजा वर्ग के कृषकों की भूमि पर ट्यूबवेल खनन एवं चैनलिंक फेंसिंग कार्य, वनोपज व कृषि उपज आधारित प्रसंस्करणा ईकाई स्थापना, आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं सांस्कृतिक विधाओं के अभिलेखीकरण तथा देवगुड़ी, मातागुड़ी, घोटुल, प्राचीन मृतक स्मारक आदि की राजस्व अभिलेख में प्रविष्टि, संभाग में जारी व्यक्तिगत व सामुदायिक, वन संसाधन वनाधिकार पत्र की समीक्षा, देवगुड़ी, मातागुड़ी, घोटुल व प्रचीन मृतक स्मारकों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत सामुदायिक वन अधिकार पत्र जारी करने की प्रगति, कृषक परिवारों एवं वनाधिकार पट्टाधारी कृषकों को प्रदाय केसीसी, समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले कृषकों, मनरेगा अंतर्गत एफआरए हितग्राहियों को व्यक्तिमूलक स्वीकृत कार्यों, जिलावार भवन विहीन उप स्वास्थ्य केंद्रों, उचित मूल्य की दुकानों, एवं आंगनबाड़ी भवनों, शिक्षा विभाग के सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र, शाला त्यागी छात्र – छात्राओं को पुनः प्रवेश दिलाकर बेहतर शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने, मसाहती- सर्वेक्षण संबंधी जानकारी, पेसा अधिनियम 2022 के तहत ग्राम पंचायतों में शांति एवं न्याय समिति तथा संसाधन एवं प्रबंधन समिति (ग्राम सभा समिति) निर्माण की जानकारी और नरवा, गुरवा, घुरवा बाड़ी कार्यक्रम अन्तर्गत गोठान की प्रगति के संबंध में चर्चा की गई। साथ ही मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में की गई घोषाणाओं एवं निर्देशों पर पालन पर जिलों में किए गए क्रियान्वयन के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष एवं केशकाल के विधायक संतराम नेताम, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष व विधायक नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप, दंतेवाड़ा की विधायक देवती कर्मा, चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, भानुप्रतापपुर की विधायक सावित्री मंडावी, सभी जिला पंचायत अध्यक्ष, प्राधिकरण के मनोनीत सदस्य, कमिश्नर और बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी., सातों जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वन मंडलाधिकारी, संभाग स्तरीय अधिकारी, एनएमडीसी के अधिकारी उपस्थित थे।