केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर मिलेगा झीरम के शहीदों को न्याय : भूपेश बघेल

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  • भाजपा ने एफआईआर में नामजद दो नक्सली नेताओं के नाम हटवाए
  • कांग्रेस नेताओं की जान लेने वालों का बचाव कर रही है भाजपा

जगदलपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर भाजपा पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेताओं की हत्या करने वाले नक्सलियों का भाजपा बचाव कर रही है। इसीलिए मामले की एफआईआर में नामजद दो बड़े नक्सली नेताओं के नाम चार्जशीट से हटा दिए गए।झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं और जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब तक झीरम कांड की जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है। प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित कर झीरम कांड की जांच कराने का फैसला लिया था, लेकिन उसके खिलाफ भी वर्तमान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोर्ट में पीएलआई दाखिल कर स्टे लगवा दिया है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा जांच आयोग की रिपोर्ट भी सरकार को न देकर राजभवन भेजी गई। जब जांच पूरी नहीं हुई थी, तो रिपोर्ट सबमिट क्यों की गई? जांच की अवधि 6 माह के लिए बढ़ा दी गई है। दोनों ही प्रकार की जांच अटकी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा एनआईए से जांच कराई जा रही है। जांच के दौरान दो आरोपियों गणपति और रमन्ना के नाम सामने आए थे। रमन्ना दंपति की संपत्ति कुर्क कर ली गई, लेकिन रिपोर्ट से इन दोनों के नाम हटा दिए गए। चालान से दोनों बड़े नेताओं के नाम बाहर करने से जाहिर होता है कि केंद्र सरकार इन दोनों को बचाना चाहती है। उन्होंने एनआईए जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एफआईआर में दर्ज नाम चालान से बाहर कैसे हो गए, इसका जवाब कौन देगा? धरमलाल कौशिक जांच पर रोक क्यों लगवा रहे हैं? जाहिर है कि केंद्र सरकार सच्चाई सामने लाना नहीं चाहती है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो निश्चित रूप से झीरम के शहीदों को न्याय मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलेक्ट्रेट के प्रेरणा कक्ष में बुधवार को पत्रकारों चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा वनोपज खरीदी, गौठान, गोधन न्याय योजना, लघुधान्य उत्पादन को बढ़ावा देने ,स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार ,अंदरूनी क्षेत्र में बंद पड़े स्कूलों को खोलकर शिक्षा की व्यवस्था सुधारने तथा आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों अपनी सरकार की श्रेष्ठतम की पहल निरुपित किया। उन्होंने बस्तर दशहरा में सहयोग करने वाले सिरहा, गुनिया, सेवादारों, मुड़ा बाजा, पटेल, पुजारी को मानदेय देकर प्रोत्साहित करने, गांव गांव की माता गुड़ियों को सुधार कर गांव की संस्कृति और परंपरा को संजोए रखने के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस, हरेली, तीजा, छेरछेरा पुन्नी आदि छत्तीसगढ़ी त्योहारों पर छुट्टी की घोषणा, आदिवासी कला संस्कृति को महत्व देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजन, रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का उल्लेख किया।*बॉक्स**रमन सिंह और मुकेश गुप्ता का भी हो नार्को टेस्ट*यह पूछे जाने पर कि छविंद्र कर्मा ने झीरम कांड में बचे लोगों की नार्को टेस्ट करने की जरूरत बताई है, इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मामले की जांच केंद्र सरकार अपनी एजेंसी से करा रही है। उन्होंने कहा कि नार्को टेस्ट अकेले कवासी लखमा ही क्यों हो, डॉ. रमन सिंह और मुकेश गुप्ता एवं अन्य लोगों का भी नार्को टेस्ट किया जाना चाहिए। सिलगेर के ग्रामीणों के प्रदर्शन मामले पर उन्होंने कहा कि अंदर वालों के दबाव में आकर ग्रामीण मजबूरी में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रजातंत्र में सभी को आंदोलन का अधिकार है। अन्यथा ग्रामीण भी चाहते हैं कि अधिक से अधिक सुरक्षा कैंप स्थापित हों और उनका क्षेत्र भी विकास की दौड़ में शामिल हो।*बॉक्स**राशन घोटाले की परतें तो हमने खोली* भाजपा द्वारा गोठानों को लेकर चलाए जा रहे अभियान के संबंध में उन्होंने कहा कि 4 साल बाद कम से कम भाजपा के लोग गोठान निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। गर्मी के दिनों में तो वैसे भी किसान और पशु पालक गायों एवं अन्य मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं और धोरई भी पशुओं को चराने नहीं ले जाते हैं। ऐसे में तो गोठान में गाय कहां से मिलेंगी। 10 हजार गोठानों का निर्माण हो चुका है तेरह लाख रुपए प्रति गोठान राशि अधिक नहीं होती है। भ्रष्टाचार के मामले पर उन्होंने कहा कि राशन दुकानों से चावल रिकवरी का मामला हमने ही शुरू किया है, जिससे करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। भाजपा के शासन काल में चुनाव के समय राशन कार्ड बना दिए जाते थे। इसी तरह 15 लाख राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं तो उनके शक्कर ,चावल, नमक कहां जाते रहे?इस भ्रष्टाचार की भी जांच होनी चाहिए।

नगरनार संयंत्र को चलाने छ्ग सरकार तैयार

एनएमडीसी नगरनार इस्पात संयंत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार इस संयंत्र का निजीकरण कर रही है। प्रदेश सरकार चाहती है यदि एनएमडीसी नगरनार इस्पात संयंत्र नहीं चला पा रहा है, तो यह संयंत्र राज्य सरकार के हवाले कर दिया जाए। राज्य सरकार उसे संचालित करने के लिए तैयार है।दक्षिण बस्तर में पानी की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए आम सहमति से बोधघाट परियोजना को फिर से शुरू करने का प्रयास हमारे सरकार ने किया था, लेकिन उसका विरोध हुआ। बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम द्वारा किए गए विरोध के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अरविंद नेताम ने विद्युत उत्पादन करने का विरोध किया था लेकिन खेतों की सिंचाई के लिए उनका विरोध नहीं था। सर्व आदिवासी समाज द्वारा सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के सवाल पर बघेल ने अरविंद नेताम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर कार्य कर रहे हैं। वे एक बड़े राजनेता हैं, उन्हें राजनीतिक आधार निर्मित करते हुए राजनीति करनी चाहिए। वे अब समाज का सहारा ले रहे हैं, जो स्वच्छ राजनीति के लिए उचित नहीं है। पत्रवार्ता में प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक राजमन बेंजाम, चंदन कश्यप, मोहन मरकाम, अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय भी उपस्थित थे।